Jharkhand First Phase Poll: राजनीति पर हमेशा से यह आरोप लगता रहा है कि जिसके पास आपराधिक दुनिया में धमक और धनबल का जोर हो उसका बोलबाला होता है। ऐसे में हम बात कर रहें झारखंड कि जहां पहले चरण के चुनाव की तारीख नजदीक है। और ऐसे एडीआर (ADR) की शनिवार की जारी रिपोर्ट ने ‘राजनीति में धनबल के प्रभाव’ पर पुष्टि कर रही है।
Highlights:
●चुनावी राजनीति में अपराध और धनबल के प्रभाव को लेकर ADR की रिपोर्ट जारी हुई
●झारखंड के पहले चरण में 29 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गम्भीर आपराधिक मामले दर्ज
●झारखंड के 20 प्रतिशत उम्मीदवार गम्भीर मामलों में नामजद
दरअसल , झारखंड में लोकसभा की जिन चार सीटों – खूंटी, लोहरदगा, सिंहभूम और पलामू – पर सबसे पहले 13 मई को वोट डाले जाने हैं, वहां ज्यादातर आपराधिक पृष्ठभूमि से पाए गए।
ADR की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। झारखंड में पहले चरण (देश में चौथे चरण) के चुनाव में कुल 45 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। इनमें से नौ के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। आपराधिक मामलों में नामजद कुल उम्मीदवारों की संख्या 13 है।
कोई भी दल बेदाग उम्मीदवार देने में असफल- ADR रिपोर्ट
रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा के चार में से दो उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं। कांग्रेस के एक प्रत्याशी पर आपराधिक मामला दर्ज है।
45 में से 15 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति
इन 45 उम्मीदवारों में 15 करोड़पति हैं, और उनकी औसत संपत्ति 1.75 करोड़ है। भाजपा के तीन उम्मीदवार करोड़पति है, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के भी दो उम्मीदवार करोड़पति हैं।
शैक्षणिक स्तर पर भी फिस्सडी साबित
महज बेदाग छवि के पैमाने पर ही नहीं शिक्षा के पैमाने पर पार्टियों के प्रत्याशी फिस्सडी पाए गए। जब सांसद बनने की दावेदारी कर रहे नेताओं की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो 53 प्रतिशत उम्मीदवार महज 8वीं से लेकर 12वीं पास हैं। अन्य 19 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा है जबकि एक उम्मीदवार ऐसा है जो सिर्फ साक्षर है।
बता दें कि उम्मीदवारों में 27 फीसदी 25 से 40 वर्ष की उम्र के हैं। अन्य 49 प्रतिशत की आयु 41 से 60 साल के बीच है, जबकि 11 फीसदी प्रत्याशी 61 से 80 वर्ष की उम्र के हैं।