21वीं सदी में भी तीन तलाक जैसी प्रथा बेहद दु:खद : पूनम - Punjab Kesari
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21वीं सदी में भी तीन तलाक जैसी प्रथा बेहद दु:खद : पूनम

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नई दिल्ली : 21वीं सदी में भी तीन तलाक जैसी प्रथाओं का जीवित होना बेहद दु:खद है। इस प्रथा के चलते हमारी मुस्लिम बहनें खुद को भयभीत और असुरक्षित महसूस करती हैं। ये बातें भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन ने कांस्टीट्यूशन क्लब में तीन तलाक पर आयोजित एक परिचर्चा के दौरान कहीं।

उन्होंने कहा, समाज के सामूहिक विकास के लिए महिला समानता होना अनिवार्य है। दुनिया में कई ऐसे मुस्लिम देश हैं जहां बरसों पहले तीन तलाक को बैन कर दिया गया था। इन देशों की सूची में तुर्की, पाकिस्तान और बंगलादेश जैसे देशों के भी नाम हैं। तीन तलाक इस्लाम के अनुसार नहीं है बल्कि इसे ओमयाद ने आरंभ किया था और तलाक के लिए जायज भी ठहराया।

युवा मोर्चा भविष्य में भी ऐसी कुरीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करता रहेगा। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली सभी बहनों के साथ है। आज के आधुनिक और नए भारत में तीन तलाक जैसी प्रथा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

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