भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशव्यापी मॉक ड्रिल का आदेश दिया है। इस ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। बैठक में संवेदनशील क्षेत्रों में सायरन परीक्षण, ब्लैकआउट अभ्यास और सुरक्षा कार्यशालाओं की योजना बनाई गई है। पाकिस्तान में इस खबर से चिंता का माहौल है।
पहलगाम हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ अपनी रणनीति बना रहा है। अब गृह मंत्रालय ने 7 मई को पूरे देश में माॉक ड्रिल यानी युद्ध के समय की स्थिति का अभ्यास कराने का आदेश दिया है, इसलिए यह माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने वाला है। भारत में हो रहे मॉक ड्रिल की खबर सुनते ही पाकिस्तान में डर का माहौल बन गया है। इस बीच गृह मंत्रालय ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। गृह मंत्रालय की यह बैठक अभी चल रही है। देश में मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह जांचना है कि जंग के हालात जैसे कि मिसाइल हमले या हवाई हमलों के दौरान आम जनता कितनी कैसे खुद की रक्षा करती है।
मॉक ड्रिल की मुख्य गतिविधियां
हमले की स्थिति में आम जनता को सचेत करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों और संस्थानों में सायरन का परीक्षण किया जाएगा। स्कूलों, कार्यालयों और सामुदायिक केंद्रों में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि लोगों को ड्रॉप-एंड-कवर, आस-पास के आश्रयों का पता लगाने, प्राथमिक उपचार और मानसिक स्थिति को प्रबंधित करने के तरीके सिखाए जा सकें।
ब्लैकआउट का अभ्यास होगा
इसके अलावा, रात में हवाई हमले की स्थिति में शहर को दुश्मन की नज़रों से छिपाने के लिए अचानक बिजली काट दी जाएगी। इस तकनीक का इस्तेमाल आखिरी बार 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान किया गया था। सैन्य ठिकानों, संचार टावरों और बिजली संयंत्रों जैसी रणनीतिक इमारतों को उपग्रह या हवाई निगरानी से बचने के लिए मास्क किया जाएगा। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में निकालने का अभ्यास किया जाएगा ताकि वास्तविक स्थितियों में उत्पन्न होने वाली बाधाओं की पहचान की जा सके।
हर राज्य से रिपोर्ट मांगी जाएगी
जनवरी 2023 में गृह सचिव द्वारा भेजे गए पत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सीमा और तटीय क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने का भी आग्रह किया गया था। 7 मई को भारत-पाकिस्तान सीमा के पास फिरोजपुर छावनी में 30 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास पहले ही आयोजित किया जा चुका है। गृह मंत्रालय ने अभ्यास में भाग लेने वाले प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को अभ्यास के बाद “कार्रवाई रिपोर्ट” प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिसमें सीख और सुधार की जानकारी दी जाएगी।
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