चेक बाउंस मामले को देखते हुए केंद्र द्वारा लाए गए बिल नेगोशियेबिल इंस्ट्रूमेंट अमेंडमेंट को कल लोकसभा में पारित किया गया। पारित हुए इस बिल में चेक बाउंस होने पर भारी-भरकम मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। अगर चेक बाउंस होता है कि पहले की तरह जारी करने वाले आसानी से पैसा देने से भागने या मामले को उलझाने में कामयाब नहीं हो पाएंगे। अगर चेक बाउंस को लेकर ट्रालयल कोर्ट में शिकायत की जाती है तो आरोपी (चेक जारी करने वाला) को कुल रकम का 20 फीसदी हिस्सा कोर्ट में जमा करना होगा और या शिकायतकर्ता को देना होगा।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने बिल पेश करते हुए कहा कि इस विधेयक से चेक बाउंस के मामलों में कमी आएगी और बैंकिंग सिस्टम पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर चेक जारी करने वाला शख्स चेक बाउंस के आरोप से बरी हो जाता है, तो कोर्ट इस रकम को वापस लौटाने के लिए भी कह सकता है। वो भी ब्याज के साथ। हालांकि अभी यह बिल राज्यसभा में पेश होगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू करने का इंतजाम किया जा सकता है। गौरतलब, है की पूरे देश की निचली अदालतों में चेक बाउंस के करीब 16 लाख मुकदमे चल रहे हैं।