झूठे वादे करने के लिए यहां नहीं आया, मुद्दों के समाधान के लिए हूं कटिबद्ध : राहुल गांधी - Punjab Kesari
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झूठे वादे करने के लिए यहां नहीं आया, मुद्दों के समाधान के लिए हूं कटिबद्ध : राहुल गांधी

विभिन्न विचारों, संस्कृतियों का नेतृत्व करता है। केरल शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का उदाहरण है। केरल और वायनाड से बाकी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आरएसएस पर तीखे हमले करते हुए कहा कि केरल के मुद्दे राज्य के लोगों को सुलझाना चाहिए, मोदी या आरएसएस प्रमुख को नहीं। वायनाड में तीन विशाल रैलियों को संबोधित करते हुए गांधी ने भाजपा और राजग सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि भगवा पार्टी की रूचि देश के लोगों पर बस अपनी विचाराधारा थोपने में है। उन्होंने कहा कि केरल के मुद्दों का फैसला राज्य के लोगों द्वारा होना चाहिए न कि मोदी और आरएसएस प्रमुख द्वारा। उन्होंने वायनाड के वंदूर में एक रैली में कहा, ‘‘ मोहन भागवत हमें इतिहास और संस्कृति की पाठ पढ़ाने वाले कौन होते हैं? केरल को केरल के लोगों द्वारा चलाया जाना चाहिए। हर राज्य में यही भावना है।’’

गांधी ने कहा कि वह चाहते हैं कि दुनिया वायनाड का नाम को जाने और वह इस जगह को पर्यटन केंद्र के रूप में तब्दील करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया जानती है कि केरल भगवान की अपनी भूमि है। मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया जब भगवान की अपनी भूमि के बारे में सोचे तो वायनाड के बारे में भी सोचे। हम मिलकर इसे हासिल कर सकते हैं।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए गांधी ने कहा कि वह यहां अपने ‘‘मन की बात’’ कहने नहीं आए हैं बल्कि लोग यहां जो समस्याएं झेल रहे हैं जैसे कि रात में यात्रा पर प्रतिबंध, मानव-पशु संघर्ष और चिकित्सा सुविधाओं में अभाव आदि को समझने आए हैं। गांधी ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि यहां जटिल समस्याएं हैं। मानव-पशु संघर्ष है। विकास और पर्यावरण के बीच टकराव है… मैं समाधान होते हुए देखना चाहता हूं। मैं समाधान थोपने में यकीन नहीं करता। मैं ऐसे मुद्दों के समाधान में अपने लोगों की समझदारी एवं बुद्धिमानी में विश्वास करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री की तरह नहीं हूं…मैं झूठे वादे नहीं करने जा रहा हूं और यहां यह कहने नहीं आया कि मैं आपको दो करोड़ नौकरियां दूंगा…आपके खाते में 15 लाख रुपए आएंगे या फिर कहूं कि मैं किसानों को जो कुछ चाहिए वे सब दूंगा। मैं झूठ नहीं बोलूंगा… क्योंकि मैं आपकी समझदारी एवं बुद्धिमानी का सम्मान करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं केवल कुछ महीनों का रिश्ता नहीं चाहता। मैं जिंदगीभर का साथ चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि वायनाड की बहनें कहें कि मैं उनके भाई जैसा हूं, माता-पिता कहें कि मैं उनका बेटा हूं।’’

उनके यह कहने पर लोगों ने राहुल राहुल के नारे लगाने लगाए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा वायनाड की तुलना पाकिस्तान से करने का परोक्ष रूप से जवाब देते हुए कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह वायनाड का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं क्योंकि यह एक ‘‘खूबसूरत स्थान’’ है जो विभिन्न विचारों, संस्कृतियों का प्रतीक है और बाकी देश भी केरल और वायनाड से काफी कुछ सीख सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि दक्षिण की आवाज देश के बाकी हिस्सों इतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने जब दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, तो मुझे लगा कि वायनाड एक सुंदर जगह है, क्योंकि यह विभिन्न विचारों, संस्कृतियों का नेतृत्व करता है। केरल शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का उदाहरण है। केरल और वायनाड से बाकी देश काफी कुछ सीख सकता है।’’

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