संसद में रहना पड़े या सड़क पर इसका मुझे परवाह नहीं धर्म का अर्थ होता है अंतिम व्यक्ति तक रोटी पहुंचाना:अरूण कुमार - Punjab Kesari
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संसद में रहना पड़े या सड़क पर इसका मुझे परवाह नहीं धर्म का अर्थ होता है अंतिम व्यक्ति तक रोटी पहुंचाना:अरूण कुमार

मुझे सीट और वोट की चिंता नहीं है मुझे चिंता है गरीबों की। समाजवाद का नारा होता है

पटना  : आज कबीर जयंती और जॉर्ज फर्नांडीस के चिंतन पर पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में खचाखच भीड़ का गरीब और अंतिम पायदान का लड़ाई लडऩे वाले राष्ट्रीय समता पार्टी सेकुलर स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जहानाबाद के सांसद डा. अरूण कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम कबीर के विचारों को लेकर चलते हैं, कबीर ने कहा था कि कौन किस धर्म को मानता है मुझे उससे कोई लेना-देना नहीं। मगर कबीर का का एक ही धर्म था कि अंतिम पायदान पर रहने वाले को रोटी मिले। उन्होंने कहा कि बिहार के राजनीतिक दल या मीडिया वाले कौन कहां जायेंगे इसकी मुझे परवाह नहीं। बहुत लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय समता पार्टी सेकुलर अरूण गुट रालोसपा में विलय कर जायेगा।

उन्होंने कहा कि मैं एक शिक्षक का पुत्र हॅू आज जो सत्ता में है और जो सत्ता से बाहर है उन्होंने शिक्षा की दुर्गती कर दी। हम सामाजिक न्याय की विचारधारा को लेकर चलते हैं मगर शिक्षा को आज बंदरबांट करने के लिए सरकार और सरकार के बाहर बैठे लोग हैं वे भी कम जिम्मेवार नहीं है। जब 1977 में मैं एक रोगी को बिहार से लेकर दिल्ली एम्स गया था तब उस समय वहां का रजिस्ट्रेशन फी पांच रुपया था और आज पचास हजार हो गया। मैं तमाम राजनीतिक दलों से आह्वान करता हॅू कि गरीब रिक्शा वाला जो 50 हजार रुपया खर्च करके अपना इलाज करवा सकता है। सहजानंद जी ने नारा दिया था कि जो अन्न-वस्त्र उपजायेगा वही देश का शासन चलायेगा।

उतर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, नॉर्थ-ईस्ट के काफी साथी जॉर्ज के विचारों पर काम कर रहे हैं वे सभी लोग आज आये हुए हैं इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हॅू। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के शासनकाल में कृषि, शिक्षा एवं स्वास्थ्य ये तीनों एजेंडा फेलुअर साबित हुआ है। केवल लोग माल कमाने में लगे हैं। गरीब से कोई मतलब नहीं, धर्म और जाति को बांट कर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं संसद में रहूं या बाहर मुझे इसकी चिंता नहीं है चिंता गरीबों की। मैं एक सेकुलर था और सेकुलर ही रहूंगा तथा अंतिम पायदान में रहने वालों के हक-हकूक की लड़ाई लडूंगा।

मुझे जॉर्ज फर्नांडीस और राजनारायण जैसे लोगों के साथ रहकर सीखने का मौका मिला। आज समाजवादी का चिंतन-मंथन करने वाले जितने नेता हैं उन्हें समझ में आना चाहिए कि राजनारायण जी के पास आठ सौ एकड़ जमीन थे वे धनी परिवार से थे जिन्होंने अपनी जमीन गरीबों के बीच बांट दिये। आज समाजवाद कहलाने वाले रातोंरात आठ सौ बिगहा जमीन का मालिक बनना चाहता है। नीतीश कुमार को चिंत करना चाहिए कि बिहार में क्राइम बढ़ गया है। पुलिस निर्दोष को पकड़कर जेल में डाल देते हैं।

हत्या करने वाले खुलेआम घुम रहे हैं। यही हाल था कांग्रेस पार्टी का जिन्होंने सत्ता के लोभ में लोगों में भय दिखाया था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मैं कहता हॅू जागो जनता दरवाजे पर खड़े है। घोर निद्रा में सोये हो, एक दिन गरीब जनता आपको सबक सिखायेंगे। आपकी पुलिस दारू और बालू में फंसे हुए हैं। मुझे सीट और वोट की चिंता नहीं है मुझे चिंता है गरीबों की। समाजवाद का नारा होता है कि कोई भी धर्म के लोग गरीबों को तंग नहीं करे। जिस दिन गरीब हथियार उठा लेगा, उस दिन सरकार और अपराधी को भागने की जगह तक नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, शहीद जगदेव बाबू के विचार पर चलने वाले लोग अपने आप में सोंचते हैं कि हमारे ही चलते देश में गरीब को सुरक्षा मिल रहा है। मगर शहीद जगदेव बाबू ने जो त्याग और बलिदान दिया उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने असली समाजवाद का नारा देने का काम किया था। उन्होंने जात और जमात से हटकर काम किये। सांसद ने कहा कि राष्ट्रीय समता पार्टी सेकुलर जॉर्ज एवं कर्पूरी ठाकुर, जगदेव बाबू, जयप्रकाश नारायण, राजनाराण के बातों को जन-जन तक पहुंचायेंगे। मुझे सीट और वोट की चिंता नहीं है अंतिम पायदान मेंरहने वाले चाहे किसी जाति का हो उसकी चिंता है। सभा को संबोधित करने वाले अजय अलमस्त, मेजर अमर सिंह चौहान, मो. खुर्शीद अहमद, धर्मपाल सिंह, अनिल आजाद, संजीत चौधरी, संजय राही, मसूर आलम, विनोद चौधरी निषाद, ओमप्रकाश बिन्द, कुमारी ज्योति, मनोज कुमार उर्फ गुडडू, प्रमोद कुमार, नीतू सिंह बिन्द, सुरेन्द्र गोप, रामकुमार सिन्हा, गौतम कुमार चन्द्रवंशी, विज्ञान स्वरूप सिंह, मालती सिन्हा इत्यादि उपस्थित थे।

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