हिंदी थोपने के विरोध के बाद एचआरडी मंत्रालय का नीति मसौदे में सुधार - Punjab Kesari
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हिंदी थोपने के विरोध के बाद एचआरडी मंत्रालय का नीति मसौदे में सुधार

मसौदा नीति में कहा गया है कि तीन भाषा फार्मूला देश भर में लागू करने की जरूरत है।

दक्षिणी राज्यों से विरोध के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) मसौदे में सुधार किया है। एनईपी के आलोचकों का कहना है कि गैर हिंदा भाषी राज्यों पर हिंदी थोपी जा रही है। इस पैराग्राफ का अब शीर्षक ‘त्रिभाषा फार्मूला में लचीलापन’ दिया गया है। 
इसमें कहा गया है कि छात्र जो तीन भाषाओं में से एक या दो में बदलाव करना चाहते हैं, वे ऐसा कक्षा 6 या 7 में कर सकते हैं। यह संशोधन नीति के मसौदे में किया गया है और 30 जून तक जनता के सुझावों के लिए मंत्रालय की वेबसाइट पर रखा गया है। मसौदा नीति में यह भी कहा गया है कि तीन भाषा फार्मूला देश भर में लागू करने की जरूरत है। ऐसा बहुभाषी देश में बहुभाषा संचार क्षमताओं के लिए जरूरी है।
 इसमें कहा गया, “इसे कुछ राज्यों, विशेष रूप से हिंदी-भाषी राज्यों में बेहतर तरीके से लागू किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण के लिए है, हिंदी-भाषी क्षेत्रों के स्कूलों को देश के अन्य हिस्सों की भाषाओं को सिखाना चाहिए।”

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