नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) पर दुष्प्रचार को दूर करने के लिए सोमवार को दो नयी वीडियो क्लिप जारी कर कहा कि यह झूठ है कि यह कानून ‘एनआरसी’ से संबद्ध है। एक वीडियो क्लिप में कहा गया है कि संसद द्वारा पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने के बाद सीएए एक कानून बन गया है, जबकि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर कोई घोषणा नहीं की गई है और दस्तावेज की प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है।
क्लिप में सीएए और एनआरसी पर ‘‘सच और झूठ’’ के बीच अंतर बताने की कोशिश की गई है जबकि दूसरी क्लिप नए नागरिकता कानून से लाभ प्राप्त करने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों का नजरिया पेश करती है।
एक वीडियो क्लिप में कहा गया है कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई विदेशियों के लिए प्रासंगिक है जिन्होंने उन देशों में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का सामना किया तथा यह झूठ है कि यह भारतीय मुसलमानों को प्रभावित करेगा।
पिछले हफ्ते मंत्रालय ने सीएए पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) जारी किए थे जिसमें कहा गया था कि सभी भारतीय नागरिक संविधान में प्रदत्त अधिकारों का लाभ उठाते रहेंगे और सीएए के बाद इनमें कोई बदलाव नहीं होगा। मंत्रालय ने कहा है कि सीएए के तहत उपयुक्त नियम बनाए जा रहे हैं। ‘‘वे सीएए के विभिन्न प्रावधानों को क्रियान्वित करेंगे।’’