भारतीय सशस्त्र बलों के इतिहास में पहली बार, 17 महिला कैडेट्स ने एनडीए में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और दीक्षा समारोह में डिग्रियों से सम्मानित हुईं। सुप्रीम कोर्ट के 2021 के फैसले के बाद यह संभव हुआ, जिससे महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की अनुमति मिली। अब ये महिला कैडेट्स देश की रक्षा में पुरुष सैनिकों के साथ योगदान देने के लिए तैयार हैं।
NDA: भारतीय सशस्त्र बलों के इतिहास में गुरुवार का दिन बेहद ही ऐतिहासिक रहा. इस दिन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में ट्रेनिंग कर रही 17 महिला कैडेट्स ने स्नातक की पढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी की. दीक्षा समारोह में इन कैडेट्स को डिग्रियों से सम्मानित किया गया. अब ये महिला कैडेट्स भी पुरुष सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की रक्षा में योगदान देने के लिए तैयार हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन 17 महिला कैडेट्स को शुक्रवार को आयोजित होने वाली एनडीए की पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनने का गौरव मिलेगा. यह बदलाव वर्ष 2021 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद आया, जब संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने महिलाओं को एनडीए में आवेदन करने की अनुमति दी थी.
jNU से मिली एकेडमिक डिग्रियां
इस बार कुल 339 कैडेट्स को दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से डिग्रियां प्रदान की गईं. इनमें 84 को बीएससी, 85 को कंप्यूटर साइंस, 59 को बैचलर ऑफ आर्ट्स और 111 कैडेट्स को बीटेक की डिग्री मिली. महिला कैडेट्स भी इन विषयों में सफल रहीं और कुछ ने शानदार प्रदर्शन किया.
कई स्ट्रीम में टॉप करने वाले कैडेट्स
इस दौरान कैडेट लकी कुमार ने विज्ञान (साइंस) वर्ग में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया. बटालियन कैडेट कैप्टन प्रिंस कुमार सिंह कुशवाहा ने कंप्यूटर साइंस में टॉप किया. इसके साथ ही डिवीजन कैडेट कैप्टन श्रीति दक्ष, जो महिला कैडेट्स के पहले बैच का हिस्सा हैं, उन्होंने आर्ट्स में प्रथम स्थान हासिल किया. वहीं अकादमी कैडेट कैप्टन उदयवीर सिंह नेगी बीटेक श्रेणी में टॉपर बने.
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महिला कैडेट्स के लिए प्रेरणादायक पल
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम तंडन ने कैडेट्स को संबोधित करते हुए महिला कैडेट्स की उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया.
उन्होंने कहा कि यह सफलता देश की हजारों युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी. उन्होंने महिला कैडेट्स को ‘परिवर्तन, साहस और क्षमता की प्रतीक’ बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.