हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखू से मुलाकात की। यह एक शिष्टाचार भेंट थी। प्रतिनिधिमंडल में बैच 2024 के छह एचएएस प्रोबेशनर और बैच-2022, 2023 और 2024 के 16 पदोन्नत एचएएस अधिकारी शामिल थे, जो वर्तमान में डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान, शिमला में प्रशिक्षण ले रहे हैं। बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को राज्य के लोगों को बेहतर सेवाएं देने के लिए ईमानदारी और पारदर्शिता के मूल्यों को बनाए रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है और एचएएस अधिकारी इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आज प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर मानदेय में दोगुना वृद्धि पर प्रसन्नता जाहिर की।
प्रदेश के इतिहास में पहली बार पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में इतनी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
पंचायती राज संस्थाओं के सभी प्रतिनिधियों से मेरा… pic.twitter.com/tIqfUsmH0H
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) April 22, 2025
उन्होंने उन्हें राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं को प्राथमिकता देने तथा समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विकास कार्यों में देरी को समाप्त करने तथा वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने शासन में दक्षता लाने के लिए प्रौद्योगिकी को शामिल करने पर भी ध्यान केंद्रित करने को कहा। इस अवसर पर आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा भी उपस्थित थे।
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इससे पहले राज्य के पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को शिमला में सीएम सुखू से मुलाकात की तथा पिछले दो वर्षों के दौरान उनके मानदेय में दो गुना वृद्धि करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों को उनके मानदेय में इतनी महत्वपूर्ण वृद्धि मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी विभिन्न मांगें भी रखीं तथा उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में पंचायती राज संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने संविधान में ऐतिहासिक 73वें और 74वें संशोधन के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया था। इस ऐतिहासिक कदम ने महिलाओं को सशक्त बनाया है और राज्य के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के उत्थान को प्राथमिकता दे रही है और इस संबंध में अनेक कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार हल्दी को 90 रुपये प्रति किलोग्राम, प्राकृतिक रूप से उगाए जाने वाले गेहूं और मक्के को क्रमशः 60 रुपये प्रति किलोग्राम और 40 रुपये प्रति किलोग्राम एमएसपी दे रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में मनरेगा की दैनिक मजदूरी में 80 रुपये की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि ये उपाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अपने क्षेत्रों में नशे की समस्या को रोकने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में सक्रिय रूप से सहयोग देने का आह्वान किया और कहा कि राज्य सरकार नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को नशा तस्करों के बारे में जानकारी अधिकारियों के साथ साझा करनी चाहिए तथा युवाओं को नशे के शिकार होने से बचाना चाहिए। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक विवेक शर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।