गुजरात विधानसभा चुनावों के साथ राज्य की राजनीतिक गतिविधि अपने चरम पर है। वही PM मोदी के गुजरात दौरे से एक रात पहले गुजरात में एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के महत्वपूर्ण सहयोगी वरुण पटेल और रेशमा पटेल सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए। गुजरात विधानसभा चुनाव से पूर्व हुआ यह घटनाक्रम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी के हार्दिक पटेल को उनकी पार्टी के साथ हाथ मिलाने का न्योता देने के कुछ घंटों बाद हुआ है।
आपको बता दे की पाटीदार नेता रेशमा पटेल और वरुण पटेल ने शनिवार को अहमदाबाद में भाजपा कार्यालय में अमित शाह से मुलाकात की। दोनों ने भाजपा में शामिल हो गए हैं। दोनों नेताओं के भाजपा में शामिल होने से हार्दिक पटेल को तगड़ा झटका लगा है। इससे पहले गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भारत सोलंकी ने कहा, ‘अगर हार्दिक पटेल चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो कांग्रेस उन्हें इसके लिए आमंत्रित करती है।’ वहीं भाजपा में शामिल हुई रेशमा पटेल ने कहा कि हमारी लड़ाई समाज को न्याय दिलाने की थी ना की कांग्रेस को जिताने की। भाजपा ने हमारी तीन मांगे मान ली है। वहीं वरुण ने कहा कि हमने सरकार और मुख्यमंत्री से अपनी मांगों पर बात की। उन्होंने इसे पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है।
उधर, हार्दिक ने चुनाव लड़ने की पेशकश ठुकरा दी है। उन्होंने कहा, “मुझे चुनाव नहीं लड़ना। वैसे भी मैं संवैधानिक तौर पर चुनाव लड़ने के काबिल नहीं हूं। हम अहंकार के सामने लड़ रहे हैं। हम सबको बीजेपी के खिलाफ एकजुट होना है, लेकिन बता दूं कि ये कांग्रेस का नहीं, छह करोड़ गुजरातियों का चुनाव है। जीत हमारी होगी।’ हार्दिक अभी 24 साल के हैं। चुनाव लड़ने के लिए 25 साल का होना जरूरी है। कांग्रेस के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने शनिवार को कहा कि पार्टी अल्पेश और मेवाणी को चुनाव लड़ने पर समर्थन करेगी और अगर हार्दिक भी भविष्य में चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें समर्थन या टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का साथ देने वाले जदयू (शरद गुट) के विधायक छाेटू वसावा का भी साथ चाहती है।