कांग्रेस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की 5 में से 4 मांग पर सहमति जताई है लेकिन पाटीदारों को आरक्षण देने के फार्मूले पर 7 नवंबर तक का वक्त मांगा है। हार्दिक ने कहा सूरत में अब राहुल की सभा का विरोध नहीं करेंगे तथा सिर कटा लेंगे पर भाजपा का समर्थन भी नहीं करेंगे।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति की कोर टीम की अहमदाबाद में कांग्रेस से चर्चा के बाद हार्दिक ने 3 नवंबर को सूरत में कांग्रेस उपाघ्यक्ष राहुल गांधी की सभा का विरोध नहीं करने का ऐलान किया है। हार्दिक ने कहा कि भाजपा ने पाटीदार समाज का दमन किया,घरों में घुसकर महिलाओं का अपमान किया तथा युवाओं पर गोली चलाई इसलिए सिर कटा लेंगे लेकिन भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे। हार्दिक ने कहा कांग्रेस से भी उन्हें कोई प्रेम नहीं है लेकिन विपक्षी दल होने के नाते वहीं भाजपा को हराने में सक्षम है इसलिए पाटीदार कांग्रेस से आरक्षण व अन्य मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।
दरअसल, हार्दिक पटेल ने चेतावनी दी थी कि अगर कांग्रेस ने पटेल समाज पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो उसका विरोध किया जाएगा जिसके बाद सोमवार को पाटीदारों के साथ कांग्रेस नेताओं ने मीटिंग की। मीटिंग के बाद हार्दिक ने बताया कि पटेल समाज के पांच में से 4 मुद्दों पर कांग्रेस से सहमति बन गई है।
पहला मुद्दा: आरक्षण आंदोलन में हिंसा के बाद पाटीदार समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज केस वापस होंगे।
दूसरा मुद्दा: कांग्रेस ने वादा किया है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 590 में 290 से वापस लिए जाएंगे। साथ ही राजद्रोह के केस भी वापस होंगे।
तीसरा मुद्दा: कांग्रेस ने वादा किया है कि सरकार बनने पर पाटीदार हिंसा पीड़ित परिवारों को 35 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान गोलीबारी और लाठीचार्ज करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन भी कांग्रेस ने दिया है। कांग्रस ने कहा है कि सरकार बने पर इस संबंध में जांच समिति बनाई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
चौथा मुद्दा: पटेलों की मुख्य मांग आरक्षण को लेकर कांग्रेस ने सोमवार की मीटिंग में कोई वादा नहीं किया है। कांग्रेस ने आरक्षण के मुद्दे को टेक्निकल बताते हुए इस पर कानूनी राय लेने की बात कही है। कांग्रेस ने वकीलों और जजों से इस संबंध में चर्चा कर जल्द की पार्टी का रुख स्पष्ट करने का आश्वासन पाटीदारों को दिया है।
पांचवा मुद्दा: कांग्रेस ने सरकार बनने पर 600 करोड़ के आयोग को 2 हजार करोड़ तक ले जाने का वादा किया है। इस आयोग को संवैधानिक आधार पर लागू किया जाएगा, जिसे केंद्रीय दर्जा दिया जाएगा।
दशकों से बीजेपी को वोट करते आ रहे गुजरात के पाटीदार इस बार आरक्षण के मुद्दे को लेकर नाराज हैं। यही वजह है कि 1995 से गुजरात की सत्ता से बाहर कांग्रेस इस बड़े समुदाय को साथ लेकर अपनी चुनावी वैतरणी पार लगाने की हर मुमिकन कोशिश में जुटी है। यही वजह है कि अगले महीने के पहले हफ्ते में राहुल गांधी के गुजरात दौरे से पहले कांग्रेस पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से हर संभव मुद्दे पर सहमति बनाकर उनका खुला समर्थन हासिल करना चाहती है।