गुजरात विधानसभा चुनाव के जहां एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है उसी के चलते अब राज्य में पाटीदारों के आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को देशद्रोह के दो मामलों में हार्दिक पटेल को जमानत दे दी गई है। जमानत के चलते उन्हें छह माह गुजरात राज्य से बाहर रहना पड़ेगा । दरअसल हार्दिक पटेल अक्टूबर 2015 से जेल में हैं। विसनगर सेशनल कोर्ट ने हार्दिक पटेल लालजी पटेल और बाकि लोगों के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया था। हार्दिक पहले कोर्ट मेंं पेश नहीं हुए थे। लेकिन जब वह गुरुवार यानी आज वह पेश हुए तो उन्हें 5000 के मुचकले पर जमानत मिली है।
एक रैली के दौरान भड़की हिंसा में स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ तथा वाहनों को आग लगाने से जुड़ इस मुकदमे में हार्दिक को गुजरात उच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 जुलाई को जमानत मंजूर की थी। विसनगर के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने लगातार तीन तारीखों पर गैरहाजिर रहने के कारण हार्दिक के अलावा इस मामले में कुल 19 आरोपियों में से एक अन्य तथा पाटीदारों के एक अन्य संगठन सरदार पटेल ग्रुप के प्रमुख लालजी पटेल के खिलाफ कल गैर जमानती वारंट जारी किया था। अहमदाबाद मामले में हार्दिक के साथियों पर लोगों को सरकार के खिलाफ हिंसा करने के लिए उकसाने का आरोप है।
हार्दिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो कथित तौर पर उसके साथियों ने लोगों को फोन करके हिंसा के आदेश दिये थे। इन मामलों में हार्दिक पर राजद्रोह की धारायें लगाई गई हैं। हालांकि हार्दिक आज जेल से छूटेंगे नहीं क्योंकि विसनगर में हिंसा मामले में जमानत की अर्जी कोर्ट में लंबित है।
हार्दिक ने किया ट्वीट
हार्दिक ने ट्वीट कर भी कहा कि विसनगर कोर्ट में हाजिर हुआ हूं, मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। लेकिन एक बात समझ नहीं आती कि अगर पाटीदारों पर मामले सरकार वापस खींच रही है, तो वारेंट इश्यू क्यों किया। उन्होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा कहा कि शादी और पारिवारिक कार्यक्रम ताज होटल में करें, वीडियोग्राफ़ी का ख़र्चा बच जाएगा।
વિસનગર કોર્ટ માં આવ્યો છું.ન્યાયતંત્ર પર મને પૂરો ભરોષો છે.પણ એક વાત નથી સમજાતી કે કેસો પાછા ખેંચાયા ની વાત છે તો પછી વોરન્ટ કેમ નીકળ્યું.
— Hardik Patel (@HardikPatel_) October 26, 2017
पटेल आरक्षण आंदोलन के 22 वर्षीय नेता अक्तूबर 2015 से ही देशद्रोह के मामलों में जेल में बंद हैं जो उनके खिलाफ अहमदाबाद और सूरत में दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मितेश अमीन ने हार्दिक की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार को आशंका है।
हार्दिक पटेल की पांच हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मंजूर की गयी। हार्दिक के वकील राजेन्द्र पटेल ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल व्यस्तता के कारण निर्धारित तिथियों पर न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके। इस मामले में शुरू में हार्दिक समेत सात आरोपी थे पर बाद में जांच के क्रम में 11 और आरोपी बनाये गये। हार्दिक पर अगस्त 2015 में हिंसक आंदोलन को लेकर राजद्रोह के दो मामलों समेत आधा दर्जन से अधिक मामले चल रहे हैं। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने कल ही गुजरात में चुनाव तिथियों की घोषणा की और कल ही हार्दिक के खिलाफ गैर जमानती वारंट किया गया। गुजरात में नौ और 14 दिसम्बर को मतदान होगा और 18 दिसम्बर को मतों की गिनती की जायेगी।