चंडीगढ़ : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि इस बाबत व्यापक चिंता है कि धनबल एवं बाहुबल के इस्तेमाल से देश की चुनाव प्रणाली को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए चुनाव सुधारों की जरूरत पर जोर दिया। पंजाब यूनिवर्सिटी में पहले एस बी रांगनेकर स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भारत की चुनाव प्रणाली कई चुनौतियों से पार पाकर सफल हुई है और सरकार की सामंती व्यवस्थाओं को नष्ट किया है। इसने बगैर किसी सामाजिक , आर्थिक या राजनीतिक विशेषाधिकार के आम आदमी के लिए अवसर पैदा किए हैं ताकि वह सत्ता के शीर्ष तक पहुंच सके। उन्होंने कहा , ‘‘ बहरहाल , आज व्यापक चिंता है कि धनबल एवं बाहुबल के इस्तेमाल से देश की चुनाव प्रणाली को कमजोर किया जा रहा है। ’’
सिंह ने कहा , ‘‘ साझा हित में शासन करने वाली सरकार के चयन की सर्वश्रेष्ठ प्रणाली के रूप में लोकतांत्रिक चुनावों में लोगों की आस्था आज दरक रही है। निहित स्वार्थों द्वारा राजनीतिक पार्टियों और निर्वाचित पदों पर कब्जे और बढ़ते राजनीतिक भ्रष्टाचार से लोकतांत्रिक संस्थाओं एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों पर हमले के सतत अभियान से भी ऐसा हो रहा है। ’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनावों को धनबल एवं बाहुबल से मुक्त बनाने के लिए चुनाव सुधार और निर्वाचित अधिकारियों की निष्ठा बरकरार रखना भारत के लोकतंत्र को बचाए रखने और इसे मजबूत बनाने के लिए काफी अहम हैं।
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