अमेरिकी टैरिफ जोखिमों के बीच सरकार ने की फार्मा निर्यातकों से बातचीत - Punjab Kesari
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अमेरिकी टैरिफ जोखिमों के बीच सरकार ने की फार्मा निर्यातकों से बातचीत

ट्रंप के टैरिफ संकेत से भारतीय फार्मा शेयरों में गिरावट

अमेरिकी टैरिफ के संभावित जोखिमों के चलते भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने फार्मा निर्यातकों से चर्चा की। ट्रंप के बयान के बाद भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। अमेरिका भारतीय फार्मा निर्यात के लिए प्रमुख बाजार है। टैरिफ बढ़ोतरी से भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर असर पड़ सकता है।

अमेरिका से संभावित नए टैरिफ जोखिमों के बीच वाणिज्य मंत्रालय देश के फार्मा निर्यातकों से बातचीत कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ के पहले चरण में फार्मा सेक्टर को बाहर रखा गया है।

फार्मा सेक्टर और सरकार के बीच बातचीत ऐसे समय पर शुरू हुई है, जब हाल ही में (अमेरिकी समय के अनुसार गुरुवार को) ट्रंप ने अमेरिका में फार्मास्यूटिकल आयात पर टैरिफ लगाने का संकेत दिया है।

हालांकि, टैरिफ में मामूली बढ़ोतरी से कोई खास असर नहीं होगा, लेकिन टैरिफ में बड़ी बढ़ोतरी से भारतीय दवा निर्माताओं के लाभ मार्जिन को नुकसान पहुंच सकता है।

अमेरिका भारत के फार्मास्यूटिकल निर्यात के लिए एक प्रमुख बाजार है। अमेरिका में उपयोग होने वाली सभी जेनेरिक दवाओं की लगभग 40 प्रतिशत आपूर्ति भारतीय कंपनियों द्वारा की जाती है।

एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका को होने वाले सालाना भारतीय फार्मा निर्यात की वैल्यू करीब 9 अरब डॉलर है। टैरिफ में कोई भी तेज वृद्धि न केवल भारतीय निर्यातकों को प्रभावित कर सकती है, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी इसका सीधा असर पड़ सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हाल ही में कई सेक्टरों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है। इसमें सभी आयातित कारों और हल्के ट्रकों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अन्य आयातित वस्तुओं पर 10 प्रतिशत न्यूनतम टैरिफ शामिल है।

अमेरिका ने भारत पर 27 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है।

रिपोर्ट में बताया गया कि सरकार स्थिति का बारीकी से आकलन कर रही है और संभावित प्रभाव को समझने एवं जोखिम कम करने के तरीकों का पता लगाने के लिए निर्यातकों के साथ मिलकर काम कर रही है।

ट्रंप के ताजा बयान ने भारतीय फार्मा कंपनियों को चिंतित कर दिया है, जिनमें से कई अपने कारोबार के लिए अमेरिकी बाजार पर काफी हद तक निर्भर हैं। दिन के दौरान भारतीय दवा कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट देखी गई।

इंट्रा-डे में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर अरबिंदो फार्मा, लॉरस लैब्स, आईपीसीए लैबोरेटरीज और ल्यूपिन के शेयरों में 8 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।

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