उर्दू भाषा के विकास को सरकार प्रतिबद्ध - Punjab Kesari
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उर्दू भाषा के विकास को सरकार प्रतिबद्ध

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पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज रवींद्र भवन में स्व. गुलाम सरवर जयंती समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इसे तकरीब यौम-ए-उर्दू (ऊर्दू दिवस) के रूप में मनाया गया। मुख्यमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले मैं आयोजकों को इस बात के लिए बधाई देता हॅू कि गुलाम सरवर साहब की याद में तकरीब-ए-उर्दू दिवस का आयोजन किया गया है।

इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हुई है। यहॉ उपस्थित गुलाम गौस साहब से पुराना परिचय है और डाॅ. अब्दुल गफ्फूर के साथ हम काम कर चुके हैं। उपस्थित सांसद कहकशां परवीन जी राज्यसभा की प्रोजाईडिंग पैनल में शामिल हुई हैं, जो एक जिम्मेदारी का काम है।

गुलाम सरवर को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र जीवन के आंदोलन से हम उन्हें जानते हैं। वे ना सिर्फ पत्रकार थे बल्कि उर्दू के प्रति उनकी पूर्ण प्रतिबद्धता थी। साइंस बैकग्राउंड के होते हुए भी उन्होंने उर्दू के लिए काम किया जिसके लिए बिहार उन्हें नहीं भूलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए हुनर कार्यक्रम चलाया गया है, जिससे वे आमदनी अर्जित कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सफल हो रही हैं। इस कार्यक्रम को केंद्र सरकार ने भी अपनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद जब शिक्षा विभाग की हमने समीक्षा की तो पता चला कि 2,200 से 2,300 अल्पसंख्यक विद्यार्थी ही प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुये हैं।

इसके बाद हमने निर्णय लिया कि प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने को प्रेरित करने के लिए उन्हें पुरस्कार दिया जाए। अल्पसंख्यक वर्ग के प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को दस हजार का पुरस्कार दिया गया, जिसके बाद सभी वर्गों को इसमें शामिल किया गया। अल्पसंख्यक परित्यक्त महिलाओं को दी जाने वाली सहायता राशि 10 हजार रूपये को बढ़ाकर 25 हजार रूपये देने का फैसला किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक युवाओं के रोजगार एवं उद्यमिता विकास के लिए सालाना 25 करोड़ रूपये की सीमा को बढ़ाकर 100 करोड़ रूपये किया गया। छात्रों को उर्दू पढ़ने की सुविधा मिले ः मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी दिली इच्छा है कि उर्दू पढऩे की सुविधा छात्रों को मिले, इसके विकास के लिए काम करेंगे। गुलाम सरवर जी के नाम पर भवन का निर्माण कराया गया है।

बिहार में अधिक से अधिक लोग उर्दू पढ़ लें, यही सरवर साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अपने जीवन काल में हम उन्हें नहीं भूल पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग गुलाम सरवर साहब की स्मृति में एक तिथि तय कर करें, उर्दू दिवस का भव्य आयोजन कीजिए।

ताकि ज्यादा से ज्यादा उर्दू का प्रचार-प्रसार हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुलाम सरवर साहब ने जो कार्य किया है उसे आगे बढ़ाते रहना है। इस मौके पर राज्यसभा सांसद कहकशां परवीन, पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर, विधायक डा. रामानुज प्रसाद, पूर्व विधान पार्षद गुलाम गौंस, पूर्व विधान पार्षद आजाद गांधी समेत कई गणमान्य व्यक्ति एवं उर्दू प्रेमी उपस्थित थे।

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