गीता 25 रिश्तों में से चुनेगी अपना वर - Punjab Kesari
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गीता 25 रिश्तों में से चुनेगी अपना वर

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इंदौर : बहुचर्चित घटनाक्रम के दौरान पाकिस्तान से वर्ष 2015 में भारत लौटने वाली मूक-बधिर युवती गीता के परिवार का हालांकि अब तक पता नहीं चल सका है, लेकिन सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में इस लड़की का घर जरूर बस जायेगा। उसके हाथ पीले करने के लिये केंद्र सरकार के स्तर पर कोशिशें तेज हो गयी हैं। फेसबुक पर एक गैर सरकारी संगठन द्वारा वैवाहिक विज्ञापन पोस्ट किये जाने के बाद देश भर के लगभग 50 लोगों ने गीता के साथ सात फेरे लेने की इच्छा जतायी है।

विदेश मंत्रालय ने इनमें से 25 लोगों को छांटकर जिला प्रशासन को निर्देशित किया है कि वह इनसे गीता को उसकी इच्छा के मुताबिक मिलवाने का इंतजाम करे, ताकि वह अपनी पसंद का वर चुन सके। जिला पंचायत की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नेहा मीणा ने तसदीक की कि विदेश मंत्रालय ने प्रशासन को इस आशय के निर्देश दिये हैं।उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय के छांटे गये 25 लड़कों के बायोडेटा और तस्वीरें गीता को दिखायी जायेंगी। वह इनमें से जिन लड़कों से मिलना चाहेगी, उसे उनसे मिलवाने का इंतजाम किया जायेगा।

मीणा ने कहा, अपना वर चुनने का फैसला गीता खुद करेगी। मूक-बधिर समुदाय के अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात के बाद उन्होंने गीता के लिये योग्य वर की तलाश के मकसद से फेसबुक​ पर 10 अप्रैल को वैवाहिक विज्ञापन पोस्ट किया था।उन्होंने बताया कि इस ऑनलाइन विज्ञापन के आधार पर लगभग 50 लोगों ने बाकायदा अपने बायोडेटा के साथ गीता से शादी का प्रस्ताव भेजा था, जिनमें मंदिर का पुजारी और लेखक भी शामिल हैं।

पुरोहित ने बताया कि गीता से विवाह के इच्छुक लोगों की जानकारी उचित छानबीन के बाद विदेश मंत्रालय भेजी गयी थी। रीयूनाइट गीता, ए डेफ गर्ल, विद फैमिली नाम के फेसबुक पेज पर पोस्ट वैवाहिक इश्तेहार में गीता को भारत की बेटी के रूप में संबोधित किया गया था। इसमें कहा गया था कि इस युवती के लिये 25 साल से ज्यादा उम्र के मूक-बधिर वर की जरूरत है जो नेक और स्मार्ट हो।

गीता, मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इंदौर की गैर सरकारी संस्था मूक-बधिर संगठनके गुमाश्ता नगर स्थित आवासीय परिसर में रह रही है। सरकार उसके माता-पिता की खोज में जुटी है। पिछले ढाई साल के दौरान देश के अलग-अलग इलाकों के 10 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं।

लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का इस मूक-बधिर युवती पर वल्दियत का दावा फिलहाल साबित नहीं हो सका है। गीता सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी। गलती से सरहद पार पहुंचने वाली यह मूक-बधिर लड़की भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण 26 अक्तूबर 2015 को स्वदेश लौटी थी।

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