आज सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित ऑफिशियल गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. देश में पहली बार जनगणना और जाती जनगणना एक साथ कराई जा रही है।
गृह मंत्रालय ने आज सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित ऑफिशियल गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जनगणना को लेकर काफी लंबे समय से इंतजार चल रहा था। अब समय आ गया जब गृह मंत्रालय की तरफ से आज जनगणना गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। गैजेट्स जारी होने के बाद अब जनगणना से जुड़ी विभिन्न एजेंसियां एक्टिव हो जाएंगी।
बता दें कि आज जनगणना गैजेट नोटफिकेशन जारी होने के बाद कई कार्य किए जाएंगे। पहले स्टाफ की बहाली, ट्रेनिंग, फॉर्मेट तैयार करना और फिल्ड वर्क की प्लानिंग की जाएगी। देश में पहली बार जनगणना और जाती जनगणना एक साथ कराई जा रही है।
जनगणना में क्यों हुई देरी?
भारत में हर 10 साल बाद जनगणना होती है। जिसके जरिए देश की आबादी, सामजिक-आर्थिक स्थिति और अन्य अहम आंकड़ों को जमा किया जाता है। जनगणना दुनिया के सबसे बड़े प्रशासनिक अभ्यासों में से एक हैं। जिसे गृह मंत्रालय के तहत आने वाला ऑफिस ऑफ़ रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर करवाता है. साल 2021 में जनगणना होनी थी लेकिन कोरोना को देखते हुए इसे रोक दिया गया था। अब यह जनगणना साल 2025 में शुरू हो रही है। इसके बाद जनगणना साल 2035 में कराई जाएगी।
एक साथ दो जनगणना
आजादी के बाद पहली बार जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना भी कराई जाएगी, जिसमें ओबीसी, एससी, एसटी और सामान्य वर्ग की सभी जातियों की गणना की जाएगी। इसके तहत आय, शिक्षा, रोजगार जैसी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। यह आंकड़े सरकारी योजनाओं, आरक्षण नीतियों और सामाजिक न्याय से जुड़ी योजनाओं का आधार बनेंगे। केंद्रीय वित्त आयोग भी राज्यों को अनुदान देने के लिए इसी डेटा का इस्तेमाल करता है। सामाजिक-आर्थिक नीतियों और आरक्षण के लिए यह डेटा बहुत महत्वपूर्ण होगा।