बढ़ते तापमान ने उत्तराखंड के जंगलों को आग की चपेट में ले लिया है। चार जिलों के जंगल बेतहाशा गर्मी के कारण आग की लपटों में घिर गए हैं। इतना ही नहीं आग की विकराल चिंगारी रिहाइशी इलाकों तक भी पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि श्रीनगर-गढ़वाल के जंगलों में पिछले 5 दिनों से आग लगी है और यह अब बेकाबू हो गई है। रिहाइशी इलाके तक आग पहुंचने की वजह से लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर के पास के जंगलों में भी भीषण आग लग गई है।
धुएं की वजह से आसपास के लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ महसूस हो रही है। हल्द्वानी वन प्रभाग की ओर से आग पर काबू पाने की लगातार कोशिशें जारी है। गौरतलब है कि वन विभाग कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए कहा कि आग पर फौरन काबू पाना नामुमकिन है। ऐसे में उनके द्वारा आग को बुझाने की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। आग लगने के बाद फैले धुएं से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। यहां बता दें कि बढ़ती गर्मी के चलते प्रदेश के कई इलाकों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। यहां बता दें कि जंगलों में आग लगने की वजह से बिजली की लाइनें और मोबाइल टावर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
हरिद्वार के जंगलों में लगी आग से करोड़ों रुपये की वन संपदा के नुकसान होने की खबर है। आग बुझाने की तमाम कोशिशें भी नाकाम साबित हो रही हैं। वहीं, हल्द्वानी और बागेश्वर में भी घने जंगल जलकर राख हो गए हैं। बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील से सटे गांव जालेख के जंगल में भयंकर आग लगी हुई है जिससे जंगली जानवरों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। आग बुझाने की कोशिशें नाकाम
हालांकि गर्मियों में उत्तराखंड के जंगलों में आग कोई नई बात नहीं है लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अबतक इसपर काबू पाने की कोशिश कामयाब नहीं हो पाई है। आग लगने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान तो हो ही रहा है वहीं खतरा यह भी है कि कहीं इसकी चपेट में लोगों और जानवरों की जिंदगी ना आ जाए।
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