सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर और कच्छ तक, भारतीय सेना ने मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस - Punjab Kesari
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सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर और कच्छ तक, भारतीय सेना ने मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर तक सेना ने किया योगाभ्यास

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारतीय सेना ने सियाचिन से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक योगाभ्यास किया। सैनिकों ने विभिन्न स्थानों पर योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया, जिससे उनकी कठिन परिस्थितियों से उबरने की क्षमता में सुधार हुआ। इस आयोजन के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए गए।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारतीय सेना ने देश के अलग-अलग हिस्सों में योगाभ्यास किया। उत्तर में सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर तक में सेना के जवान विभिन्न आसन करते दिखे।

उत्तर में सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों और पैंगोंग त्सो लेक के तटों से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर के शांत तटों तक और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश के किबिथू से लेकर पश्चिम में कच्छ के रण तक भारतीय सेना के सैनिकों ने योग किया। सैनिकों ने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तन्यकता (कठिन परिस्थितियों से उबरने की क्षमता) के साधन के रूप में प्राचीन भारतीय अभ्यास को अपनाया। अलग-अलग योगाभ्यास के कई वीडियो भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं।

इसी तरह अर्धसैनिक बल सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने शनिवार को देशभर में अपनी 430 से अधिक यूनिट्स और फॉर्मेशन्स में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का समापन किया। पूरे जून महीने के दौरान सीआईएसएफ की यूनिट्स में नियमित योग अभ्यास किए गए। प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों ने सीआईएसएफ जवानों, उनके परिवारजनों, स्कूली छात्रों और आसपास के आम नागरिकों के लिए विशेष योग सत्रों का आयोजन किया।

दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीआईएसएफ मुख्यालय में 100 से अधिक कर्मियों ने सामूहिक योगाभ्यास किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का नेतृत्व अतिरिक्त महानिदेशक (मुख्यालय) पद्माकर रणपिसे ने किया।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने इस साल के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” को गहराई से अपनाया, जैसा प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान घोषित किया था। सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा कि योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम से कहीं अधिक है। ये एक गहन विज्ञान है जो अनुशासन विकसित करता है, सहनशक्ति बढ़ाता है और एक शांत और केंद्रित मानसिकता को बढ़ावा देता है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने भी पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर योगाभ्यास किया। अटारी-वाघा बॉर्डर और हुसैनीवाला बॉर्डर पर भव्य योग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी अतुल फुलजले ने नेतृत्व किया। इस दौरान सैकड़ों बीएसएफ जवानों, सीमावर्ती गांवों के नागरिकों, स्कूली बच्चों, खेल जगत की हस्तियों और पद्म पुरस्कार विजेताओं ने योगाभ्यास किया।

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