पटना : वाणिज्य कर पदाधिकारियों की लगातार दूसरे दिन आयोजित बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस साल 27 हजार करोड़ कर संग्रह के लक्ष्य को कैसे हासिल किया जाए की गहन समीक्षा की तथा अधिकारियों को निर्देश दिया कि बड़े टर्नओवर वाले कारोबारियों पर फोकर करें।
राज्य के सभी वाणिज्य कर कार्यालयों को अत्याधुनिक आईटी सुविधाओं से युक्त कर कॉरपोरेट लूक देने तथा अभी भी जीएसटी के अन्तर्गत छोटे व्यापारियों को रिटर्न फाइल करने में आ रही परेशानियों को दूर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी कौंसिल विवरणी दाखिल करने की प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में काम कर रही हैए आने वाले दिनों में कारोबारियों को महीने में 3 की जगह एक ही विवरणी दाखिल करना होगा।
श्री मोदी ने कहा कि 2016-17 में 500 करोड़ से अधिक टर्न ओवर वाले मात्र 36 व्यापारियों से कुल राजस्व का 46.41 प्रतिशत तथा 50 करोड़ से अधिक 597 लोगों से 73 प्रतिशत जबकि डेढ़ करोड़ से कम टर्न ओवर वाले 90 प्रतिशत व्यापारियों से मात्र 9 प्रतिशत ही संग्रह हुआ। इसलिए इस साल के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बड़े टर्न ओवर वाले कारोबारियों पर अधिकारी ध्यान केन्द्रित करें।
उन्होंने कहा कि पहली अप्रैल से पूरे देश में ई-वे बिल की व्यवस्था लागू कर दी गयी है। इसके तहत 50 हजार से अधिक मूल्य के मालों के राज्य के बाहर व 2 लाख से अधिक के मालों के राज्य के भीतर परिवहन के लिए ई-वे बिल अनिवार्य है।
वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी विभिन्न जगहों पर इसकी जांच भी करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को जांच के दौरान पारदर्शिता बरतने व अनावश्यक तौर पर किसी व्यापारी को तंग नहीं करने का निर्देश दिया तथा व्यापारियों को भी चेताया कि कर वंचना की मंशा से बिना ई.वे बिल के मालों का परिवहन करेंगे तो पकड़े जाने पर जुर्माना भरना होगा। उन्होंने बताया कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी कौंसिल यह निर्णय करने जा रही है कि जो उपभोक्ता क्रेडिट.डेबिट कार्ड व ऑनलाइन खरीददारी करेंगे उन्हें कर भुगतान में 2 प्रतिशत की रियायत दी जा सकती है।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।