केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, अहमदाबाद और सूरत को कुल 10,900 इलेक्ट्रिक बसें देने की मंजूरी दी है। यह कदम भारत में स्वच्छ और समावेशी शहरी परिवहन समाधान को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
भारी उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना के मौजूदा चरण के तहत बेंगलुरु को लगभग 4,500, हैदराबाद को 2,000, दिल्ली को 2,800, अहमदाबाद को 1,000 और सूरत को 600 इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की अध्यक्षता में इलेक्ट्रिक बसों के रोलआउट पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “बैठक में तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह निर्णय पूरे भारत में स्वच्छ और समावेशी शहरी परिवहन समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। कुमारस्वामी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब टिकाऊ शहरी गतिशीलता की दिशा में साहसिक कदम उठा रहा है। बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक, शहर सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ, स्मार्ट और अधिक कुशल बनाने के लिए सक्रिय रूप से इलेक्ट्रिक बसों को अपना रहे हैं।”
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम केवल इलेक्ट्रिक बसें आवंटित नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम इनोवेशन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ भारत की परिवहन प्रणाली के भविष्य को आकार दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “केंद्र और तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों के बीच मजबूत समन्वय के साथ, हम पीएम ई-ड्राइव वादे को पूरा करने के लिए दृढ़ हैं। पीएम ई-ड्राइव पहल का लक्ष्य अप्रैल 2024 से मार्च 2026 तक दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ 14,028 इलेक्ट्रिक बसें सड़क पर उतारना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम केवल इलेक्ट्रिक बसें आवंटित नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम इनोवेशन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ भारत की परिवहन प्रणाली के भविष्य को आकार दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “केंद्र और तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों के बीच मजबूत समन्वय के साथ, हम पीएम ई-ड्राइव वादे को पूरा करने के लिए दृढ़ हैं। पीएम ई-ड्राइव पहल का लक्ष्य अप्रैल 2024 से मार्च 2026 तक दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ 14,028 इलेक्ट्रिक बसें सड़क पर उतारना है।