केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने ‘बही-खाता’ को लेकर नॉर्थ ब्लॉक से राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हुईं, जो एक लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ एक टैबलेट है जिस पर सुनहरे रंग का राष्ट्रीय प्रतीक उभरा हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे लोकसभा में अपना 8वां बजट पेश करने वाली हैं। बजट भाषण में सरकार की राजकोषीय नीतियों, राजस्व और व्यय प्रस्तावों, कराधान सुधारों और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं की रूपरेखा होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी. अनंत नागेश्वरन और अन्य अधिकारी वित्त मंत्री भी मौजूद थे।
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय से रवाना हुईं।
वे संसद में पारंपरिक ‘बही खाते’ के बजाय टैब के माध्यम से #UnionBudget2025 पेश करेंगी और पढ़ेंगी। pic.twitter.com/TGiCsm9OQn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2025
देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी
संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.3 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किए गए सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है, जिसे स्थिर बाहरी खाते, राजकोषीय और निजी खपत का समर्थन प्राप्त है। इसमें कहा गया है कि सरकार अनुसंधान एवं विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों और पूंजीगत वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करके दीर्घकालिक औद्योगिक विकास को मजबूत करने की योजना बना रही है। इन उपायों का उद्देश्य उत्पादकता, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।
मध्यम वर्ग के लिए हो सकती है घोषणाएं
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बना हुआ है, जो 90 प्रतिशत बाहरी ऋण को कवर करता है और दस महीने से अधिक का आयात कवर प्रदान करता है। जनवरी 2024 में 616.7 बिलियन अमरीकी डॉलर से सितंबर 2024 में भंडार बढ़कर 704.9 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो 3 जनवरी 2025 तक घटकर 634.6 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया। पूंजी प्रवाह में स्थिरता ने भारत की बाहरी ताकत को सहारा देने में अहम भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मध्यम वर्ग का कई बार जिक्र किया। इससे उम्मीद है कि बजट में मध्यम वर्ग के लिए कई घोषणाएं होंगी। वहीं युवा ऐसी घोषणाओं की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे अधिक नौकरियां पैदा होंगी, जबकि वेतनभोगी वर्ग आयकर में छूट की उम्मीद कर रहा है।