ट्रिपल तलाक पर जंग लड़ना इस महिला पर पड़ा भारी, हो रहा सामाजिक बहिष्कार - Punjab Kesari
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ट्रिपल तलाक पर जंग लड़ना इस महिला पर पड़ा भारी, हो रहा सामाजिक बहिष्कार

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22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में तीन तलाक को खत्म कर दिया। लेकिन कोर्ट ने फ़िलहाल सरकार को तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए 6 महीने का समय दिया है। इस मुद्दे के लिए कोर्ट में जंग लड़ने वाली इशरत जहां इस फैसले से खुश हैं, लेकिन कुछ लोगों को उनकी खुशी रास नहीं आ रही है।

हावड़ा की रहने वालीं इशरत के पति ने 2014 में दुबई से फोन करके उन्हें तीन तलाक दे दिया था। इशरत उन पांच याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिनकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है। सूत्रों के मुताबिक इशरत को इस फैसले के बाद अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। वहीं कुछ लोग तो उनकी तुलना इस्लाम विरोधी के तौर पर कर रहे हैं। इशरत जहां ने बताया कि कोर्ट के इस फैसले के बाद से ही मुझे लगातार इस तरह के भद्दे कमेंट्स मिल रहे हैं। एक तरह से उनका सामाजिक बहिष्कार कर रहे हैं।

इशरत का कहना है कि लोगों के बदले रवैये को देखकर उन्‍हें काफी दुख हुआ है। वह समझ गई है कि लोगों के नजरिये में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। समाज तब तक नहीं बदलेगा, जब तक लोग नहीं बदलना चाहेंगे। समाज जिस दिन मेरे जैसी महिलाओं की मदद करने के बारे में सोचना शुरू कर देगा, उसी दिन से बदलाव शुरू हो जाएगा।

क्या लिखा था याचिका में ?

पश्चिम बंगाल के हावड़ा की इशरत जहां ने अगस्त 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 30 साल की इशरत ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके पति ने दुबई से ही फोन पर तलाक दे दिया। अपनी याचिका में इशरत ने कोर्ट में कहा है कि उसका निकाह 2001 में हुआ था और उसके चार बच्चे भी हैं जो उसके पति ने जबरन अपने पास रख लिए हैं। याचिका में इशरत ने बच्चों को वापस दिलाने और उसे पुलिस सुरक्षा दिलाने की मांग की है। इशरत ने कहा है कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है।

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