जलवायु परिवर्तन से किसान प्रभावित - Punjab Kesari
Girl in a jacket

जलवायु परिवर्तन से किसान प्रभावित

NULL

पटना : कृषि मंत्री द्वारा लोहिया नगर पटना स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र के सभागार में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर सहित राज्य में अवस्थित कृषि अनुसंधान केन्द्रों के कार्यों की समीक्षा की गई। इस समीक्षात्मक बैठक में उपस्थित वैज्ञानिकों एवं पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए डा. प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि के बदलते परिवेश, बढ़ती जनसंख्या का दबाव एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच किसानों की आमदनी को बढाना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है।

आज की खेती की परिस्थितियां पहले की तुलना में पूरी तरह से बदल गयी है। जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्यायें किसानों के सामने है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों को देखें तो मॉनसून का व्यवहार काफी अनियमित रहा है। कभी देर से मॉनसून का आगमन हुआ तो कभी समय से आगमन के बाद बीच में एक लम्बा फासला बना, कभी जल्दी से मॉनसून वापस हो गया। ये परिस्थितियां खेती और किसानों के लिए काफी विषम परिस्थितियां है।

इस वर्ष बड़े पैमाने पर बाढ़ से फसलों की क्षति हुई। जलवायु परिवर्तन की मार भी हमारी कृषि को प्रभावित कर रही है। इन परिस्थितियों के बीच हमें किसानों की आमदनी भी बढ़ानी है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए कृषि में नये-नये अनुसंधान की आवश्यकता है। हमें बदलते परिवेश एवं बाजार की व्यवस्था के अनुसार कृषि की नई-नई तकनीकों का विकास करना होगा ताकि किसानों के कृषिगत लागत मूल्य को कम करते हुए फसलों की उत्पादकता को बढाया जा सके तथा कृषि को एक लाभकारी उद्यम बनाया जा सके।

 कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में एक ओर जहां दक्षिणी बिहार में पर्याप्त मात्रा में सिंचाई जल के आभाव के कारण कृषि कार्य प्रभावित होता है वहीं दूसरी ओर उत्तर बिहार में अधिक मात्रा में जल की उपलब्धता के कारण कृषि कार्य प्रभावित होता है।

इस मौके पर कृषि उत्पादन आयुक्त सुनिल कुमार सिंह, प्रधान सचिव सुधीर कुमार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अजय कुमार सिंह, निदेशक उद्यान डा. अरविन्दर सिंह, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डा. पी.के. सिंह, वीर कुॅवर सिंह कृषि महाविद्यालय, डुमरॉव, बक्सर के प्राचार्य डा. अजय कुमार, कृषि अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डा. अरविन्द कुमार सहित बड़ी संख्या में मुख्यालय के कृषि पदाधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिकगण उपस्थित थे।

अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × two =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।