मशहूर मलयालम लेखक और फिल्म निर्देशक एम टी वासुदेवन का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बुधवार को उन्होंने कोझिकोड के बेबी मेमोरियल अस्पताल में आखिरी सांस ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एम टी वासुदेवन नायर के कामों में उपन्यास, लघु कथाएँ, पटकथाएँ, बच्चों का साहित्य, यात्रा लेखन और निबंध शामिल हैं।
सिनेमा में अहम योगदान
एमटी का सफर केवल साहित्य तक सीमित नहीं था। उन्होंने मलयालम सिनेमा में भी अहम योगदान दिया है। उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों को लिखा। उनके द्वारा लिखी गई पहली रिलीज फिल्म Murappennu (1965) थी, जिसने उन्हें सिनेमा की दुनिया में एक पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने Nirmalyam (1973) का निर्देशन किया, जो भारतीय सिनेमा की क्लासिक कृतियों में गिना जाता है।
प्रियंका गांधी ने जताया शोक
कांग्रेस नेता और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर शोक जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ”एम.टी. वासुदेवन नायर के निधन के साथ, हम एक ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्ति को अलविदा कहते हैं, जिन्होंने साहित्य और सिनेमा को सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के शक्तिशाली माध्यमों में बदल दिया। उनकी कहानियों में मानवीय भावनाओं की गहराई और केरल की विरासत का सार समाहित था।
With the passing of Shri M.T. Vasudevan Nair, we bid adieu to a genius who transformed literature and cinema into powerful mediums of cultural expression. His narratives captured the depth of human emotions and the essence of Kerala’s heritage.
A true custodian of our art and… pic.twitter.com/JdyOMLANMh
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 25, 2024
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित वासुदेवन नायर
एमटी ने मलयालम सिनेमा की मार्मिक क्लासिक निर्मलयम जैसी प्रतिष्ठित कृतियाँ लिखीं और छह फ़िल्में निर्देशित किए। पटकथा लेखन में उनका योगदान अद्वितीय था, जिसके लिए उन्हें चार राष्ट्रीय पुरस्कार और 11 केरल राज्य पुरस्कार मिले। एमटी वासुदेवन नायर ने मलयालम सिनेमा में भी योगदान दिया। उन्होंने ‘निर्मल्यम’, ‘पेरुंतचन’, ‘रंदामूझम’ और ‘अमृतम गमया’ सहित कई लोकप्रिय फिल्मों के लिए पटकथाएं लिखीं। इसके अलावा उन्हें देशभर से कई पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें 1996 में ज्ञानपीठ और 2005 में पद्म भूषण जैसे सम्मान शामिल हैं।
केरल में जन्मे वासुदेवन नायर
एम टी वासुदेवन नायर का जन्म 15 जुलाई, 1933 को केरल के पलक्कड़ जिले के कुडल्लूर गांव में हुआ था। वो साहित्य, सिनेमा और पत्रकारिता में अहम योगदान दिया है। एमटी वासुदेवन नायर को साहित्य और सिनेमा में उनके योगदान के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार और चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी रचनाओं में उनके गांव और वहां की नदी भरतपुझा का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है।