4 जनवरी 1952 को जन्मे फहमी बदायूनी
फहमी बदायूनी का असली नाम जमां शेर खान उर्फ पुत्तन खां था, और उनका जन्म 4 जनवरी 1952 को बदायूं के बिसौली कस्बे के मोहल्ला पठानटोला में हुआ था। छोटी उम्र में ही उन्हें लेखपाल की नौकरी करनी पड़ी, लेकिन शायरी के प्रति उनके जज़्बे ने उन्हें इस नौकरी से दूर कर दिया। इसके बाद उन्होंने कोचिंग पढ़ाकर अपनी रोज़ी-रोटी का इंतजाम किया, जहाँ वह गणित और विज्ञान के विषय इंटरमीडिएट के छात्रों को पढ़ाया करते थे। खाली वक्त में वह शायरी लिखा करते थे और इसी शौक ने उन्हें बेमिसाल शोहरत दिलाई।
फहमी बदायूंनी की शायरी का जादू
फहमी बदायूंनी की शायरी ने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। उनकी शायरी सोशल मीडिया पर भी खूब सुनी और साझा की जाती थी। फहमी साहब का अदबी सफर उनके बेमिसाल शेर और ग़ज़लों की वजह से उन्हें बहुत ऊँचाइयों तक ले गया। उनका नाम उर्दू अदब में हमेशा सुनहरे हरूफों में लिखा जाएगा। उनकी सादगी, गहराई, और इंसानियत से भरी शायरी हर उम्र के लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुकी थी।