भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो से मुलाकात की। यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली बैठक से पहले हुई। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी मुलाकात के बाद एक पोस्ट में लिखा, भारत की राजकीय यात्रा की शुरुआत में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति से मिलकर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए उनके मार्गदर्शन और समर्थन की सराहना करता हूं। यह यात्रा राष्ट्रपति प्रबोवो का भारत का पहला दौरा है, जो अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति के पद का कार्यभार संभालने के बाद भारत आए हैं। वह रविवार को भारत के 76 वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। जयशंकर ने कहा, राष्ट्रपति प्रबोवो का गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होना हमारे संबंधों का एक अच्छा प्रतीक होगा।
Pleased to call on President Prabowo Subianto @prabowo of Indonesia at the start of his State Visit to India.
Value his guidance and positive sentiments for the development of our multifaceted bilateral ties.
President @prabowo’s participation as Chief Guest in 🇮🇳’s 76th… pic.twitter.com/MAaVqK3pGS
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 24, 2025
भारत हमारा महत्वपूर्ण मित्र- राष्ट्रपति प्रबोवो
प्रबोवो ने भारत के साथ अपने देश के संबंधों को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, भारत ने हमारे स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान हमें समर्थन दिया था। भारत ने हमें चिकित्सा और वित्तीय मदद दी थी, और यही कारण है कि भारत हमारे लिए एक बहुत महत्वपूर्ण मित्र है। यह उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे। इस बार, इंडोनेशिया ने भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के लिए 352 सैनिकों की एक टुकड़ी भेजी है, जिसमें डिफाइल सैनिक और ड्रम बैंड शामिल हैं। राष्ट्रपति प्रबोवो शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जो हैदराबाद हाउस में आयोजित होगी। इसके बाद, राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा।
कई अहम मुद्दों पर होंगे समझौते
वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आदान-प्रदान, सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और डिजिटल विकास जैसे कई मुद्दों पर समझौतों और सहमति पत्रों का आदान-प्रदान होगा। वे भारतीय उद्योग जगत के लोगों और उद्यमियों से भी मिलेंगे, जो इंडोनेशिया में निवेश करना चाहते हैं। भारत और इंडोनेशिया के रिश्ते बहुत पुराने और मजबूत हैं। दोनों देशों के बीच एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, और इंडोनेशिया भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण का महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रपति प्रबोवो अपनी भारत यात्रा के बाद मलेशिया भी जाएंगे।