'आतंक की बची हुई जमीन भी...', बिहार पहुंचकर बोले PM मोदी, जनता के सामने जोड़े हाथ - Punjab Kesari
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‘आतंक की बची हुई जमीन भी…’, बिहार पहुंचकर बोले PM मोदी, जनता के सामने जोड़े हाथ

बिहार में बोले PM मोदी, आतंक की बची हुई जमीन भी खत्म करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी दौरे पर पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और आतंक की बची हुई जमीन को मिट्टी में मिलाने की कसम खाई। उन्होंने इंग्लिश में भी बात की ताकि दुनिया को साफ संदेश मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” हमने देखा है कि पंचायतों ने कैसे सामाजिक भागीदारी को सशक्त किया है। बिहार, देश का पहला राज्य था जहां महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण की सुविधा दी गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के मधुबनी दौरे पर हैं। पीएम मोदी मधुबनी पहुंचकर जनता के सामने हाथ जोड़े। उन्होंने पहलगाम हमले पर भावुक होकर कहा आतंक की बची हुई जमीन भी मिट्टी में मिला दी जाएगी। बता दें पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को खुली धमकी दी हैं। पीएम मोदी ने गुरुवार (24 अप्रैल, 2025) को मधुबनी में सबसे पहले हाथ जोड़कर और आंखें बंद करके पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने अपने जनसंबोधन में अधिकांश हिंदी भाषा का प्रयोग किया बल्कि जब पहलगाम हमले की बता आई तो उन्होंने इंग्लिश में बात की। उन्होंने इंग्लिश का सहारा जानबूझकर लिया ताकि दुनिया को उनका मैसेज एकदम साफ मिले।

पूरा देश सदमे में हैं

पीएम मोदी आज पंचायती राज दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए पहलगाम हमले का जिक्र किया। उन्होंने आगे कहा, “पहलगाम में जिस तरह से आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों को मारा है, उससे पूरा देश सदमे में हैं। पूरा देश उनलोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने परिजनों को खोया हैं”.

कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि इन आतंकियों को और इस हमले की साजिश करने वालों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी, सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।”

पंचायती राज दिवस पर क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” हमने देखा है कि पंचायतों ने कैसे सामाजिक भागीदारी को सशक्त किया है। बिहार, देश का पहला राज्य था जहां महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण की सुविधा दी गई। आज बहुत बड़ी संख्या में गरीब, दलित, महादलित, पिछड़े और अति पिछड़े समाज की बहन-बेटियां बिहार में जन-प्रतिनिधि बनकर सेवाएं दे रही हैं। यही सच्चा सामाजिक न्याय है, यही सच्ची सामाजिक भागीदारी है।”

ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया

उन्होंने आगे कहा, “बीते दशक में 2 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया। 5.50 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में बने हैं। पंचायतों के डिजिटल होने से एक और फायदा हुआ है। अब जीवन/मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि धारण प्रमाण पत्र जैसे कई दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।”

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