साल भर बाद भी दिव्यांग बच्चे कम्प्यूटर सीखने से महरूम - Punjab Kesari
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साल भर बाद भी दिव्यांग बच्चे कम्प्यूटर सीखने से महरूम

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श्योपुर: शासन स्तर से शुरू होने वाली योजनाओं का जिला स्तर पर क्या हश्र होता है। इसका जीता जागता उदाहरण इंटरवेंशन फॉर चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स योजना है। इस योजना के तहत दिव्यांगों को कम्प्यूटर सिखाने के लिए ऑपरेटर एवं क्राफ्ट शिक्षक की भर्ती होनी थी,लेकिन विडंबना की बात यह है कि सालभर बीतने के बाद भी न तो कम्प्यूटर ऑपरेटर रखा गया है और न ही क्राफ्ट शिक्षक। परिणामस्वरूप दिव्यांग बच्चे कम्प्यूटर सीखने से महरूम बने हुए हैं।

चिंताजनक पहलू तो यह है कि इस सत्र में भी पांच माह गुजरने के बाद भी अभी तक योजना अमल की दिशा में कोई पहल शुरू नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल प्रदेश सरकार ने इंटरवेंशन फॉर चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स योजना प्रारंभ की थी। इस तारतम्य में राज्य शिक्षा केन्द्र ने श्योपुर सहित प्रदेश के समस्त जिला परियोजना समन्वयकों को विस्तृत रूपरेखा भेजी थी। योजना के तहत हर साल 2 लाख 67 हजार रूपए खर्च करने का प्रावधान किया गया था।

प्लांनिंग के तहत एक अंशकालिक कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं एक क्राफ्ट शिक्षक की भर्ती की जानी थी, लेकिन सालभर व्यतीत होने के बाद भी इनकी भर्ती नहीं हुई है,जिससे आज भी दिव्यांग बच्चे कम्प्यूटर सीखने से बंचित बने हुए हैं। सबसे बडी बात तो यह है कि मौजूदा सत्र को भी पांच माह हो गए हैं,मगर अभी तक भी कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं क्राफ्ट शिक्षक नहीं रखा गया है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब शिक्षक ही नहीं है तो फिर विकलांग बच्चे क्या सीखेंगे? दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी ऐसी योजनाओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं,जो विकलांग बच्चों के हित में हो। वे तो ऐसी योजनाओं को ज्यादा महत्व देते हैं,जिसमें कुछ खाने-कमाने के लिए हो,तभी तो इस योजना में कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं क्राफ्ट शिक्षक की भर्ती नहीं की गई है। ध्यान रहे कि इस योजना में बच्चों को नए पलंग,चादर, गद्दा,अलमारी,बर्तन से लेकर उनके पहनने के लिए कपडे, जूते, चप्पल, मौजे आदि सामान देने का प्रावधान किया गया है।

नहीं हुआ प्रशिक्षण ः राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा भेजी गई विस्तृत कार्ययोजना में ब्रेल व संकेतिक भाषा के लिए विशेष रूप से मंदबुद्धि बच्चों के लिए एक गतिविधि प्रशिक्षण भी आयोजित किया जाना था,लेकिन यह प्रशिक्षण भी आज तक नहीं हुआ है। हालांकि ऐसा हो सकता है कि विभागीय अधिकारियों ने इस प्रशिक्षण को कागजों में संचालित कर लिया हो। दिव्यांग बच्चों का कहना है कि हमारे छात्रावास में ऐसा कोई प्रशिक्षण सम्पन्न नहीं हुआ है।

जिला शिक्षा केन्द्र एपीसी राकेश शर्मा का कहना है कियह बात सही है कि पिछले वर्ष राज्य शिक्षा केन्द्र से इंटरवेंशन फॉर चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स योजना के संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त हुए थे,लेकिन योजना प्रारंभ करने से पूर्व कलेक्टर का अनुमोदन होना आवश्यक होता है,जो कि नहीं हो पाया था। अब फिर आरएसके से इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। जल्द ही ऑपरेटर एवं क्राफ्ट शिक्षक की भर्ती के लिए कलेक्टर साहब से अनुमोदन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। भर्ती होते ही दिव्यांगों को कम्प्यूटर सिखाना शुरू कर दिया जाएगा।

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