बिजली मीटर स्मार्ट प्रीपेड मीटर होंगे, जिसके बाद बिजली की बिल आना बीते दिनों की बात हो जाएगी। आरके सिंह ने स्मार्ट मीटर विनिर्माताओं के साथ एक बैठक में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का निर्माण बढ़ाने और उसकी कीमत नीचे लाना समय की मांग है। यह बैठक बिजली मंत्रालय ने बुलाई थी। बैठक में उन्होंने कहा, ‘अगले तीन साल में सभी मीटर स्मार्ट प्रीपेड होंगे। इसके बाद घरों में बिजली बिल आना बीते दिनों की बात हो जाएगी।’ यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार बिजली मंत्री ने अधिकारियों से एक निश्चित तारीख के बाद स्मार्ट मीटर को अनिवार्य किए जाने पर विचार करने की भी सलाह दी।
अधिकारियों के अनुसार , स्मार्ट प्रीपेड के उपयोग से बिजली क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा। इससे सकल पारेषण और वाणिज्यिक नुकसान कम होगा, बिजली वितरण कंपनियों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा और बिलों का भुगतान आसान होगा। साथ ही इससे युवाओं के लिए कुशल रोजगार सृजित होंगे।
बैठक में बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणन, आरएफ जीपीआरएस, मौजूदा डिजिटल ढांचागत सुविधा के साथ तालमेल समेत स्मार्ट मीटर से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। इसमें यह भी फैसला किया गया कि सभी तकनीकी पहलुओं पर मीटर विनिर्माताओं, बिजली वितरण कंपनियों एवं अन्य संबंधित पक्षों के साथ आगे चर्चा की जाएगी।
स्मार्ट मीटर को इस तरह से बनाया जाता है कि यह मीटर रीडिंग्स बिजली कंपनी को सीधे भेज देता है। इससे गलत रीडिंग लिए जाने की आशंका भी कम हो जाती है। इन मीटर पर एक डिस्प्ले भी लगा होता है, जिससे आप आसान तरीके से समझ पाते हैं कि आपकी बिजली की खपत कितनी है।
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