ईद-उल-फितर के पावन अवसर पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पर्व रमजान के पवित्र महीने के बाद मनाया जाता है और हमें करुणा, परोपकार और सामाजिक एकता की सीख देता है। इस मौके पर सभी देशवासी मिलकर खुशियां बांटे और एकता की भावना को मजबूत करें।
रमजान के पाक महीने के समापन के उपलक्ष्य में ईद-उल-फितर का पर्व बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार मुसलमानों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष देश में रविवार को ईद का चांद दिखाई देने के बाद सोमवार को धूमधाम से ईद मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ईद-उल-फितर की पूर्व संध्या पर सभी भारतीयों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के भाइयों और बहनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व रमजान के पवित्र महीने में इबादत और रोजे के बाद मनाया जाता है। यह भाईचारे, सहयोग और दया की भावना को प्रोत्साहित करता है।
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि ईद-उल-फितर समाज में सौहार्द को बढ़ावा देने का एक अवसर है। यह हमें करुणा और परोपकार की सीख देता है तथा सामाजिक एकता को मजबूत करता है। उन्होंने कामना की कि यह त्योहार सभी के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशियां लाए तथा हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का संदेश
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी ईद-उल-फितर के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्योहार केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विविधता, एकता और करुणा का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि ईद हमें यह याद दिलाती है कि आपसी सद्भाव और सम्मान हमारे लोकतंत्र की मूल आत्मा हैं। यह पर्व हमें सामाजिक और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस त्योहार के अवसर पर एकता और भाईचारे की भावना को और मजबूत करें तथा एक समृद्ध और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें।
ईद का संदेश: प्रेम और सौहार्द
ईद-उल-फितर त्याग, सेवा और दयालुता का संदेश देता है। यह पर्व हमें दूसरों की मदद करने, जरूरतमंदों के प्रति संवेदनशील होने और समाज में सौहार्द एवं भाईचारे को बढ़ावा देने की प्रेरणा देता है। इस शुभ अवसर पर सभी देशवासी मिलकर खुशियां बांटे और सामाजिक एकता को और मजबूत करें।