मुंबई-गोवा तक भी पहुंची शामली एनकाउंटर की गूंज - Punjab Kesari
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मुंबई-गोवा तक भी पहुंची शामली एनकाउंटर की गूंज

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शामली : चर्चित भूरा गांव में पुलिस द्वारा किया गया दो बदमाशों के एनकाउंटर को भले ही शामली जनपद और खासकर कैराना कस्बे से जुड़ी पलायन की दास्तान से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन एनकाउंटर का असल मकसद कुछ ओर भी प्रतीत हो रहा है। सूत्रों की माने तो सीक्रेट ऑपरेशन के तहत किए गए ईनामी बदमाशों के एनकाउंटर ने अपराधियों के साथ-साथ ड्रग्स माफियाओं की दुनिया को भी हिला कर रख दिया है।

भूरा गांव से संचालित होने वाले ड्रग्स के धंधे से जुडे अधिकांश लोगों की कमर भी इस एनकाउंटर से टूट गई है। यहां से मुंबई-गोवा तक ड्रग्स का धंधा चलाने वाले लोगों के कानों में भी पुलिस का यह एनकाउंटर गूंजने लगा है। वर्ष 2002 कोलकाता के बड़े कारोबारी का लड़के प्रतीक दीवान के अपहरण के बाद पहली बार कैराना का भूरा गांव सुर्खियों में आया था। छात्र प्रतीक दीवान देहरादून में शिक्षा प्राप्त कर रहा था जिसका माह नवम्बर 2002 में गाड़ी सहित अपहरण हो गया था।

वह गाड़ी से दिल्ली होते हुए कोलकाता जा रहा था। अपहृत प्रतीक दीवान के अपहरणकर्ताओं ने उसके परिजनों से करोड़ों रुपये की फिरौती मांगी थी। प्रतीक को बदमाशों ने भूरा गांव में रखा था, जिसे बड़े ऑपरेशन के बाद पुलिस ने मुक्त कराया था। इस अपहरणकाण्ड के बाद भूरा गांव में रहने वाले कई ऐसे चेहरे बेनकाब हुए थे, जो देश के कोने-कोने तक करोडों रूपए के नशे के कारोबार को संचालित कर रहे थे, जो वर्तमान में भी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता तक नशे की खेप पहुंचाने का काम करते हैं।

सूत्रों की माने तो जनपद पुलिस द्वारा भूरा गांव में किया गया ईनामी अपराधी नौशाद उर्फ डैनी और सरवर का एनकाउंटर सीधे तौर पर ड्रग्स माफियाओं की दुनिया में खलबली मचाने वाला है, क्योकि प्रतीक अपहरणकाण्ड के बाद इस एनकाउंटर से पूर्व पुलिस अब तक भूरा में इतना बड़ा पुलिस ऑपरेशन करने की हिम्मत नही जुटा पाई थी। यह बात भी लोगों की जुबान पर है कि भूरा गांव से ही अभी भी देश के कोने-कोने तक नशे की खेप पहुंचाई जाती है।

विश्वास पर चलता है नशे का धंधा, लाखों फेंकते हैं….

ड्रग्स की दुनिया के बारे में कहा जाता है कि लाखों-करोड़ों से जुड़ा यह धंधा विश्वास पर चलता है। ड्रग्स कारोबारी विश्वास पर नशे की खेप एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते हैं। यदि पुलिस का हाथ इस खेप पर पड़ भी जाता है, तो फौरन लाखों रूपए पुलिस के सामने फेंक दिए जाते हैं, जिससे ईमान को खरीदने का काम किया जाता है। भूरा में हुए एनकाउंटर के बाद फिलहाल यहां से ड्रग्स की दुनिया के बादशाह बने लोगों में दहशत साफ देखने को मिल रही है।

– दीपक वर्मा 

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