केलो परियोजना में विवाद की स्थिति उत्पन्न - Punjab Kesari
Girl in a jacket

केलो परियोजना में विवाद की स्थिति उत्पन्न

नहर निर्माण के लिए बहुत पहले अधिग्रहित किया जा चुका है ऐसे में वन विभाग ने उसमें किस

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की महत्वाकांक्षी केलो सिंचाई परियोजना के नहर के लिए अधिग्रहित भूमि पर वन विभाग द्वारा वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य शासन द्वारा जिले की सबसे बड़ केलो परियोजना की शुरूआत की गई लेकिन सिचाई विभाग के अधिकारियों की उदासीनता की वजह से केलो परियोजना का अस्तित्व छह साल बीत जाने के बाद भी नहीं आ सका है।

केलो परियोजना के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से नहर के लिए अधिग्रहित भूमि पर वन विभाग द्वारा वृहद स्तर पर प्लांटेशन कर दिया है। मामला सामने आने के बाद दोनों विभागों में हड़कम्प मच गया है। केलो परियोजना के नहर के आड़े आ रहे प्लांटेशन को हटाने के लिए वन विभाग को जैसे ही परियोजना के अधिकारियों ने पत्र भेजा वैसे ही इस मामले में हडकंप मच गया।

वन विभाग ने इसे प्लांटेशन के लिए नोटिफाईड एरिया बताते हुए सही जगह पर प्लांटेशन होना और केलो परियोजना तथा पुसौर तहसीलदार पर गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है। परियोजना के अधिकारियों के अनुसार परियोजना के लिए आठ साल पहले भूमि का अधिग्रहण कर ग्रामीणों को इसका मुआवजा भी दे दिया था। ऐसे मे नहर बनते हुए जब देवलसुरा तक पहुंची तो आगे के रास्ते में वन विभाग के वृक्षारोपण के कारण नहर का काम रूक गया।

और दोनों विभाग प्रमुख एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। वन विभाग के एसडीओ एनआर खुंटे ने कहा कि वन विभाग अपने चिहांकित क्षेत्र में ही पौध रोपण करता है। पुसौर तहसीलदार और केलो परियोजना के अधिकारी गलत रिपोर्ट के आधार पर भ्रामक खबर फैला रहे हैं। वहीं केलो परियोजना को एसडीओ दर्शन ने कहा कि जहां वन विभाग ने पौध रोपण किया है उस भूमि को नहर निर्माण के लिए बहुत पहले अधिग्रहित किया जा चुका है ऐसे में वन विभाग ने उसमें किस तरह से पौध रोपण कर दिया है वह ही जानते होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।