दिल्ली में वायु गुणवत्ता फिर से चिंताजनक स्थिति में पहुँच गई है। गुरुवार रात धूल प्रदूषण में अचानक वृद्धि से AQI खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। मौसम में बदलाव के कारण पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा सामान्य से 20 गुना ज्यादा हो गई है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि वे घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाए और धूल भरे वातावरण में जानें से बचें।
राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। बीती रात गुरुवार को दिल्ली में धूल प्रदूषण में अचानक और चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है, जिससे दिल्ली समेत पूरे NCR में धूल की चादर छाई हुई है। इसका प्रभाव हवा की गुणवत्ता और विजिविलिटी पर भी देखने को मिल रहा है। AQI की बात करें तो AQI खराब श्रेणी में जा पहुंचा है। मौजूदा में AQI का लेवल 200 से ऊपर दर्ज हुआ है। हालांकि, सवाल है कि हमेशा दिल्ली की हवा जहरीली क्यों हो जाती है। तो चलिए जानते है इसके पीछे का कारण।
क्या है कारण?
बता दें कि दिल्ली के कई प्रदूषण निरीक्षण केंद्रों पर पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म कणों की मात्रा सामान्य से करीब 20 गुना ज्यादा दर्ज की गई है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। कई केंद्र पीएम 10 की मात्रा भी नहीं दे रहे हैं, जिससे उनकी उपयोगिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसका कारण अचानक मौसम खराब होना बताया गया है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि मौसम में अचानक आए बदलाव के कारण दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। रात 11 बजे के आसपास IGI एयरपोर्ट की तरफ तेज हवा चली, जिस वजह से विजिविलिटी 4500 से घटकर 1200 मीटर रह गई। हालांकि, मौसम विभाग ने आगे बताया कि आधी रात के बाद हवा की गति कम हो गई, जिस वजह से विजिविलिटी पुनः 1200-1500 मीटर के बीच बनी हुई है.
AQI खराब होने से क्या-क्या होती है दिक्कत ?
धूल प्रदूषण के कारण विजिविलिटी कम होने से न केवल सड़क यातायात के लिए जोखिम बढ़ता है, बल्कि सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए भी डेंजरस होता है।
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि वे घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाए और धूल भरे वातावरण में जानें से बचें।
सांस संबंधित लोगों को ऐसे हालात में घर से बाहर निकलने से जितना हो सके बचना चाहिए।
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