दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 5 जून को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। केजरीवाल ने इस पार्टी के लिए एलजी समेत विपक्षी पार्टियों, नौकरशाहों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों तक को आमंत्रित किया था। लेकिन दिलचस्प ये रहा कि इस इफ्तार पार्टी में कोई भी नहीं आया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि ऊपर वाला उनकी सरकार को सभी बाधाओं से उबरने में मदद करेगा क्योंकि ‘उनकी नीयत ठीक है।’ उन्होंने लोगों से अपील की कि समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे ‘विभाजनकारी तत्वों’ के खिलाफ खड़े हों। यह आयोजन पालिका सर्विसेज आफिसर्स इंस्टिट्यूट के लॉन में रखा गया था। इंतजाम पूरे थे, व्यवस्थित ढंग से कुर्सियां लगी हुई थीं।
सजावट का ख्याल रखा गया था और शाकाहारी व मांसाहारी, दोनों तरह के पकवानों का इंतजाम भी था। लेकिन कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के अलाव, यहां केंद्र सरकार का भी कोई प्रतिनिधि नजर नहीं आया। कार्यक्रम शाम 7 बजे से लेकर 8 बजे तक चला। आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों और दिल्ली सरकार के अंदर के लोगों के मुताबिक, उन्होंने ‘प्रोटोकॉल के मुताबिक’ न्योता भेजा था। प्रोटोकॉल के तहत उप राष्ट्रपति, लेफ्टिनेंट गवर्नर, विपक्ष के नेता, सभी पार्टियों के विधायक, सांसद और राजनयिक आते हैं।
आप नेताओं की बात करें तो पार्टी के विधायकों और मंत्रियों के अलावा आतिशी मार्लेना और दिलीप पांडे कार्यक्रम में मौजूद रहे। सीएम केजरीवाल शाम 7 बजे के करीब डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन और पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन के साथ पहुंचे। वे साढ़े 7 बजे चले गए।
हालांकि, इफ्तार में शामिल आम लोग केजरीवाल के साथ सेल्फी लेते देखे गए। कार्यक्रम का आयोजन पालिका सर्विस ऑफिसर्स इंस्टिट्यूट के नेहरू पार्क में उर्दू अकैडमी के साथ किया गया था। इफ्तार पार्टी का आयोजन काफी बेहतर ढंग से किया गया था। खाने के काउंटर्स पर भीड़ नहीं थी।
वही, आम आदमी पार्टी से बाहर का कोई शख्स यहां नजर नहीं आया। राजनिवास के अधिकारियों के मुताबिक, लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल राष्ट्रपति भवन में आयोजित गर्वनरों और लेफ्टिनेंट गवर्नरों की कॉन्फ्रेंस में गए थे। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंदर गुप्ता भी नहीं आए। उन्होंने कहा कि शायद सरकार ने कार्ड के तौर पर औपचारिक न्योता भिजवाया हो। उन्होंने कहा, ‘परंपरा यह रही है कि विपक्ष के नेताओं को कॉल करके न्योता दिया जाता है।
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