रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मुलाकात की, जो रक्षा मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे हैं। यह बैठक यहां साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय में हुई। मंत्रालय के मुताबिक, दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि रक्षा सहयोग को व्यापार और अन्य क्षेत्रों में हो रही प्रगति के अनुरूप बढ़ाने की आवश्यकता है। दोनों देशों के बीच व्यापार तथा अन्य क्षेत्रों में हो रही प्रगति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि यूएई के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Had a productive meeting with the Crown Prince of Dubai, Deputy PM and Minister of Defence of UAE Sheikh Hamdan bin Mohammed bin Rashid Al Maktoum in New Delhi. For India, the Comprehensive Strategic Partnership with the UAE is of immense priority.
In the coming years, we are… pic.twitter.com/cYEcckyaZ8
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 8, 2025
रक्षा सहयोग पर हुई चर्चा
उन्होंने अपने संदेश में कहा, “आने वाले वर्षों में, हम रक्षा सहयोग, सह-निर्माण, सह-विकास परियोजनाओं, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मिलकर कार्य करने को तत्पर हैं। भारत और यूएई दोनों ही क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं।” रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस दौरान दोनों नेताओं ने संस्थागत तंत्र, सैन्य अभ्यासों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आदान-प्रदान आदि के माध्यम से वर्तमान रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने प्रशिक्षण आदान-प्रदान को रक्षा सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र माना और इसे दोनों देशों के रक्षा ढांचों को समझने और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने का माध्यम बताया। दोनों देशों के तटरक्षक बलों के बीच सहयोग पर बैठक में संतोष जताया गया और इसे एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से औपचारिक रूप देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योगों के बीच करीबी सहयोग को द्विपक्षीय साझेदारी का अभिन्न हिस्सा बताया।
भारत-यूएई डिफेंस पार्टनरशिप
साथ ही इस मुलाकात में संयुक्त रक्षा निर्माण और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के अवसरों पर चर्चा की, एक-दूसरे की रक्षा प्रदर्शनियों और डिफेंस एक्सपो में सक्रिय भागीदारी की सराहना की और भारत-यूएई डिफेंस पार्टनरशिप फोरम का स्वागत किया। इस पार्टनरशिप फोरम से रणनीतिक संयुक्त उपक्रम और को-प्रोडक्शन परियोजनाएं संभव हो सकेंगी।
इसके साथ ही मंगलवार को हुई इस बैठक में ‘मेक-इन-इंडिया’ और ‘मेक-इन-एमिरेट्स’ जैसी पहलों के बीच संभावित तालमेल पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि भारत और यूएई के बीच रक्षा सहयोग पर पहला एमओयू वर्ष 2003 में और रक्षा उद्योग सहयोग पर एमओयू वर्ष 2017 में हस्ताक्षरित हुआ था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध सदियों पुराने और मजबूत मित्रता पर आधारित हैं।