किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं, उन्होंने रविवार को चिकित्सा सहायता लेने पर सहमति जताई। डल्लेवाल को ग्लूकोज ड्रिप लगा दी गई है। लेकिन डल्लेवाल ने अभी तक मरण व्रत खत्म नहीं किया है। कृषि मंत्रालय ने शनिवार रात धरनास्थल पर पहुंचकर डल्लेवाल को कृषि मंत्रालय का पत्र सौंपा जिसमें 14 फरवरी को बातचीत के लिए उन्हें निमंत्रण दिया गया है।
किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने चिकित्सा सहायता की अनुमति देने के निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि डल्लेवाल की तबीयत खराब हो गई है, उपवास के दौरान नेता का वजन करीब 20 किलोग्राम कम हो गया है। जबकि डल्लेवाल की हालत गंभीर बताई गई थी, उन्होंने पहले अपने विरोध की गंभीरता को उजागर करने के लिए चिकित्सा उपचार लेने से इनकार कर दिया था।
चंडीगढ़ में केंद्र व पंजाब के मंत्री किसान नेताओं के साथ बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित मांगों पर विचार करेंगे। डल्लेवाल 26 नवंबर, 2024 से आमरण अनशन पर हैं। किसानों ने 13 फरवरी, 2024 को शंभू व खनौरी में पक्का मोर्चा लगाया था और एक वर्ष बाद केंद्र बातचीत को तैयार हुई है।
संयुक्त सचिव प्रियरंजन ने डल्लेवाल का हालचाल जाना तथा उन्हें बताया कि केंद्र सरकार उनकी सेहत को लेकर अत्यंत चिंतित है। इसके बाद संयुक्त सचिव ने किसान नेताओं के साथ लगभग साढ़े तीन घंटे तीन चरणों में बैठक की और बैठक का प्रस्ताव दिया। रात लगभग 10 बजे किसान नेताओं ने डल्लेवाल से चर्चा के बाद प्रस्ताव मंजूर कर लिया।
अपना संघर्ष जारी रखेंगे डल्लेवाल
किसान नेताओं ने डल्लेवाल से चिकित्सा सहायता लेने का अनुरोध किया तो उन्होंने कहा कि जो 122 किसान उनके समर्थन में अनशन कर रहे हैं, उनसे भी राय ली जाए। उन किसानों से रविवार को बैठक होगी। संयुक्त सचिव के साथ पूर्व एडीजीपी जसकरण सिंह व पूर्व डीआईजी नरिंदर भार्गव भी थे।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल ने साफ कर दिया कि जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनता वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे। डल्लेवाल की मांग थी कि बैठक दिल्ली में रखी जाए, लेकिन केंद्र ने दिल्ली में चुनाव आचार संहिता लगने की बात कही। इस कारण वे चंडीगढ़ में बैठक करने के लिए तैयार हैं।