रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) और आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों को कोरोना वायरस से संक्रमित आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दे दी गई है।
सिंह ने यह भी कहा कि सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय महामारी से निपटने के लिये नागरिक प्रशासनों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
रक्षा मंत्री ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के विरूद्ध लड़ाई में सहयोग कर रहीं मंत्रालय की विभिन्न इकाइयों के प्रयासों की शनिवार को समीक्षा करने के बाद ये बातें कहीं।
वहीं, अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिये चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी के मद्देनजर भारतीय नौसेना के कई जहाजों को ऑक्सीजन टैंकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिये तैयार रखा गया है।
इससे पहले सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक की, जिसमें प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी तथा अन्य अधिकारी शामिल हुए।
उन्होंने ट्वीट किया, ”कोविड-19 महामारी की मौजूदा लहर से निपटने के लिये रक्षा मंत्रालय और सेना के तीनों अंगों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की वीडियो कांफ्रेंस के जरिये समीक्षा की। सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय नागरिक प्रशासन को हरसंभव मदद मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
उन्होंने कहा कि डीआरडीओ दिल्ली हवाई अड्डे के निकट स्थित अपने सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में शनिवार शाम तक 250 और बिस्तरों का प्रबंध करेगा। इसके बाद अस्पताल में बिस्तरों की कुल संख्या बढ़कर 500 हो जाएगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि गुजरात में 1,000 बिस्तरों वाले अस्पताल का संचालन शुरू हो चुका है।
भारत में कोरोना वयारस संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है। बीते कुछ दिनों के दौरान प्रतिदिन संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और कई राज्यों में अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन और बिस्तरों की किल्लत हो गई है।
सिंह ने कहा कि लखनऊ में कोविड-19 उपचार प्रतिष्ठान का निर्माण कार्य पूरे जोर-शोर के साथ चल रहा है और अगले पांच-छह दिन में उसका संचालन शुरू हो जाएगा। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से अस्पताल का संचालन करेगा।
सिंह ने एक और ट्वीट किया, ”सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों और आयुध कारखाना बोर्ड के सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में कोरोना वायरस से संक्रमित स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दे दी गई है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी और सेना के तीनों अंग मंत्रालय द्वारा की जा रहीं विभिन्न पहलों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।”
कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सेना के तीनों अंगों के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय की अन्य इकाइयां भी विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को सहयोग प्रदान कर रही हैं।
कोविड-19 रोगियों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही चिकित्सीय ऑक्सीजन का तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने के लिए वायुसेना ने शुक्रवार से खाली ऑक्सीजन टैंकरों और कंटेनरों को देश के विभिन्न फिलिंग स्टेशनों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया।
इसके अलावा वायुसेना देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड अस्पतालों के लिए दवाओं के साथ-साथ आवश्यक उपकरणों की भी ढुलाई कर रही है।
वायुसेना का एक सी-17 परिवहन विमान उच्च क्षमता वाले कंटेनर लेने शनिवार को सिंगापुर के चांगी हवाईअड्डे पहुंचा।
सिंह के कार्यालय ने ट्वीट किया, ”वायुसेना के विमान ऑक्सीजन और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं की कम समय में ढुलाई कर रहे हैं। एक सी-17 आज सिंगापुर के चांगी हवाईअड्डे पहुंच गया है। क्रायोजेनिक ऑक्सीजन के ये कंटेनर देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करेंगे।”