नई दिल्ली : सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान गलती से एलओसी के पार चले गए चंदू शिंदे को सेना के कोर्ट मार्शल में दोषी करार दिया गया है। सजा के तौर पर चंदू को 2 महीने 29 दिन जेल के अलावा उसकी पेंशन में कटौती की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तान ने जनवरी में सैनिक भारत को सौंप दिया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना की अदालत ने चंदू बाबूलाल चव्हाण को तीन महीने कैद की सजा सुनाई है लेकिन सजा की अवधि को उचित अधिकारियों की मंजूरी मिलना अभी बाकी है। कहा जाता है कि वह अपने अधिकारियों से नाराज होकर पाकिस्तान चला गए थे। सिपाही चंदू लाल चौहान 29 सितंबर 2016 को भारत के कृष्णा घाटी सेक्टर से सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे। इसके बाद डीजीएमओ स्तर की वार्ता के माध्यम से पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों से बातचीत की गयी।
7 अक्टूबर, 2016 को पाकिस्तान ने स्वीकार किया किया चंदूलाल पाकिस्तान में मौजूद है। जिसके बाद जनवरी में चंदू बाबूलाल चव्हाण को पाकिस्तान ने भारत के हवाले कर दिया था। चौहान सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। चौहान सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। उनकी तैनाती 37 राष्ट्रीय राइफल्स में थी। चंदू बाबूलाल महाराष्ट्र के धुले जिले के वोरबीर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम बाशन चौहान है। चंदू के भाई भी सेना में हैं जिनकी तैनाती फिलहाल गुजरात में है। सेना की अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर फिलहाल अधिकारियों की मंजूरी अभी बाकी है।