उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा 15 जनवरी तक 1.59 लाख स्टार्टअप्स को मान्यता दी जा चुकी है और इस आंकड़े के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। यह जानकारी सरकार द्वारा बुधवार को दी गई। वर्ष 2016 से 31 अक्टूबर 2024 तक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने कथित तौर पर 16.6 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आईटी सर्विस इंडस्ट्री 2.04 लाख नौकरियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद हेल्थकेयर एंड लाइफसाइंस सेक्टर में 1.47 लाख नौकरियां पैदा की हैं।
बेंगलुरू, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख केन्द्रों ने इस परिवर्तन का नेतृत्व किया है, जबकि छोटे शहरों ने देश की उद्यमशीलता की गति में तेजी से योगदान दिया है। डीपीआईआईटी ने पिछले साल सितंबर में भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (भास्कर) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था। इस अत्याधुनिक पहल का लक्ष्य भारत के उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर बातचीत को केंद्रीकृत और सुव्यवस्थित करना है।
स्टार्टअप महाकुंभ में भी बड़ी संख्या में भागीदारी देखने को मिली थी। इसमें 48,000 ज्यादा लोग, 1,300 प्रदर्शक और 14 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे, जो भारत के उद्यमशीलता परिदृश्य को आकार देने में इसकी बढ़ती प्रमुखता को दिखाता है। सरकार ने कहा कि स्टार्टअप महाकुंभ का पांचवां संस्करण 7-8 मार्च, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है।