नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश हो चूका है। फिलहाल इस पर बहस चालू है। वहीं इस बिल को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस बिल में अभी और कमियां हैं इसलिए दोबारा इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक मामला है इस पर ठीक ढंग के विचार किया जाना चाहिए। खड़गे ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो कांग्रेस इस सदन से वॉकआउट करती है।
वहीं इससे पहले राजनाथ सिंह ने कहा कि असम का बोझ पूरे देश का बोझ है और इसके लिए सरकार हम कदम उठाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों की मार झेल रहे असम के लिए कई समझौते पहले भी किए जा चुके हैं। राजनाथ ने कहा कि समझौते के तहत NRC को भी अपडेट किया जाना था और हमारी सरकार ने इसे तेजी से लागू किया है।
इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है और इस काम को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि NRC में किसी भी भारतीय का नाम नहीं छूटेगा बल्कि बाद में भी अपील का अधिकार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब प्रवासी भी भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। अब लंबी अवधि के इंतजार के बिन नागरिकता हासिल की जा सकती है।
राजनाथ ने कहा कि यह बिल सिर्फ असम के लिए नहीं है बल्कि देश के हर राज्य पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि किसी एक देश के लोगों के लिए यह कानून नहीं है बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे प्रवासी लोगों पर भी लागू होगा। तृणमूल कांग्रेस और एआईयूडीएफ सांसदों ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में संसद भवन परिसर में धरना दिया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की।
लोकसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट पेश की गई थी। इसमें तृणमूल समेत कुछ दलों असहमति का नोट दिया था। मंगलवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले तृणमूल सांसदों एवं एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया और नारेबाजी की। तृणमूल सांसदों के हाथों में पोस्टर थे जिन पर लिखा था ‘‘मुझे मेरे देश से मत निकालो, मैं भारत का नागिरक हूं।’’