कांग्रेस ने PM मोदी पर कसा तंज : अर्थव्यवस्था बीमार और नीम-हकीम बने सर्जन - Punjab Kesari
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कांग्रेस ने PM मोदी पर कसा तंज : अर्थव्यवस्था बीमार और नीम-हकीम बने सर्जन

कांग्रेस ने आर्थिक विकास दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) के पिछले सात साल के अपने न्यूनतम स्तर पर चले

कांग्रेस ने आर्थिक विकास दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) के पिछले सात साल के अपने न्यूनतम स्तर पर चले जाने को शुक्रवार को ‘मोदी मेड डिजास्टर’ करार दिया और कटाक्ष करते हुए कहा कि बीमार अर्थव्यवस्था को ठीक करने के बजाय ध्यान भटकाने की जुगत हो रही है जो नीम-हकीम के सर्जन की भूमिका में आने की एक बेहतरीन मिसाल है। 
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला यह दावा भी किया कि अर्थव्यवस्था की जो स्थिति दिख रही है उससे कहीं ज्यादा खराब है। 
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”वित्तीय कुप्रबंधन और आर्थिक आपातकाल की स्थिति पूरी अर्थव्यवस्था में घर कर गयी है। जीडीपी का निराशाजनक डाटा इसका प्रकटीकरण भर है।” 
उन्होंने दावा किया, ”बहरहाल, हालत जो दिखाई दे रही है उससे कहीं बड़ी है। पूरी तरह से आर्थिक मंदी है, विनिर्माण वस्तुतः बन्द हो चुका है, निर्यात कम हो रहा है और आयात बढ़ रहा है। इसके अलावा लाखों लोगों की नौकरियां चली गयी हैं।” 
सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘बीमार अर्थव्यवस्था से जुड़े ढांचागत मुद्दों का निवारण करने के बजाय भाजपा सरकार की ”मायोपिक” लच्छेदार हेडलाइन का प्रबंधन और अपनी नाकामी छिपाना है। ये नीम-हकीम के सर्जन में तब्दील होने की बेहतरीन मिसाल है।” 
इससे पहले पार्टी प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने ट्वीट कर कहा, ‘जीडीपी विकास दर पांच फीसदी पर पहुंच गई। नोटबंदी, जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने और अक्षमता के नतीजे लगातार दिख रहे हैं।’
 
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘यह गिरावट वैश्विक मुद्दों के कारण नहीं है। यह ‘मोदी द्वारा पैदा की गई’ (मोदी मेड) आपदा है। मोदी है, तो मुमकिन है।’
 
गौड़ा ने कहा, ‘क्या अर्थव्यवस्था की स्थिति और बुरी होगी, क्या ध्यान भटकाने के लिए नई नई तरकीबें अपनाई जाएंगी?’
 
गौरतलब है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच फीसदी रह गयी। यह पिछले सात साल का न्यूनतम स्तर है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है। 
इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल- जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 फीसदी पर रही थी। एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ फीसदी के उच्च स्तर पर थी, जबकि इससे पिछली तिमाही की बात की जाये तो जनवरी से मार्च 2019 की तिमाही में वृद्धि दर 5.8 फीसदी दर्ज की गई थी। 

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