कांग्रेस कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है। देश में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के मामलों पर कांग्रेस ने शनिवार को चिंता जाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस महामारी को लेकर या तो अंधेरे में तीर मार रही है या हकीकत छिपा रही है और इसीलिए केंद्र सरकार के प्रवक्ता विरोधाभासी बयान दे रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की नीति साफ नहीं है और उसकी टास्क फोर्स के सदस्यों के बीच समन्वय का अभाव नजर आता है। इस महामारी को कब तक नियंत्रित किया जा सकता है या इसका चरम कब होगा, इस बारे में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए गठित प्रधानमंत्री टास्क फोर्स के सदस्य डॉ वी के पॉल, डॉ रणदीप गुलेरिया और लव अग्रवाल के बयानों में एकरूपता नहीं है।
माकन ने कहा कि कोरोना टास्क फोर्स के प्रवक्ताओं के बयान अलग-अलग और विरोधाभासी हैं जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। इन बयानों से साफ होता है कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार की स्पष्ट नीति नहीं है, इसीलिए डॉ पॉल कहते हैं कि 16 मई कोरोना संक्रमण का चरम होगा, एम्स के निदेशक डॉ गुलेरिया जून या जुलाई में इसका चरम आना बताते हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल कहते हैं कि इसका कोई चरम ही नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को कहा था कि सिर्फ 21 दिन दीजिए, कोरोना वायरस से लड़ाई को जीत लिया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमितों के मामले 60 हजार के पार हो चुके हैं तथा यह संख्या लगातार बढ़ रही है और किसी को पता नहीं है कि कब तक इस महामारी से निजात मिल सकेगी। पीएम मोदी ने पहला लॉकडाउन शुरू करते हुए देश की जनता से महामारी पर नियंत्रण के लिए 21 दिन का समय मांगा था। यह अवधि खत्म होने पर उन्होंने खुद देश के सामने आकर तीन मई तक लॉकडाउन को बढाया और तीसरी बार लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ाया तो वह सामने नहीं आए और सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर तीसरा लॉकडाउन लागू कर दिया।