रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से लेाक सभा के इकलौते सांसद ताम्रध्वज साहू का दिल्ली में दबदबा बढ़ता नजर आ रहा है। लोक सभा में लगातार मुद्दों को उठाने और सक्रियता का फायदा भी उन्हें मिला है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें एआईसीसी के ओबीसी विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है।
ताम्रध्वज की नियुक्ति के कई राजनीतिक मायने हैं। प्रदेश में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भी समीकरणों को अनुकुल माना जा रहा है। दरअसल, ताम्रध्वज साहू को पिछड़ा वर्ग विभाग की कमान सौंपकर आलाकमान ने बड़ा दांव खेला है।
छत्तीसगढ़ में साहू समाज की बड़ी तादाद और निर्णयक प्रभाव के चलते उन्हें जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले कांग्रेस ने साहू समाज के ही एक प्रत्याशी को राज्यसभा के मैदान में उतारकर संदेश देने की कोशिशें की थी। इस बार भी कुछ इसी तरह की स्थिति नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ के सांसद होने की वजह से भी ताम्रध्वज साहू से ओबीसी वर्ग के अन्य समुदाय को फायदा होगा।
अन्य ओबीसी समुदायों को भी कांग्रेस से जोडऩे की पहल होगी। छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्ग की आबादी ही करीब पचास फीसदी मानी जाती है। यही वजह है कि वे राजनीतिक समेत अन्य समीकरणों पर प्रभाव डालते रहे हैं। इनमें साहू समाज की बहुलता की वजह से भी कांग्रेस को कुछ फायदा मिलने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री रह चुके ताम्रध्वज साहू दो बार विधायक भी रहे हैं।
विधानसभा में भी उनकी सक्रियता रही है। बीते चुनाव में उन्होंने छत्तीसगढ़ में लोक सभा की एक सीट जीतकर कांग्रेस का खाता खोला था। सांसद बनने के बाद से ही दिल्ली में उनका दबदबा और आलाकमान का भरोसा भी बढ़ा हैै। इससे पहले उन्हें कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किया गया था।
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