लोकपाल की नियुक्ति को लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता में लोकसभा स्पीकर और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया समेत कई अन्य नेता मीटिंग करने वाले हैं। इस मीटिंग में चर्चा के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के तौर पर बुलाया गया है।
वही , कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लोकपाल नियुक्ति पर चयन समिति की बैठक में शामिल होने से इनकार किया है। दरअसल, लोकपाल चयन समिति की बैठक बुलाई गई है। जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पीएम नरेंद्र मोदी और सीजेआई दीपक मिश्रा भी हिस्सा ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र में खड़गे ने कहा है कि ‘विशेष निमंत्रण लोकपाल चयन के मामले में विपक्ष की आवाज को अलग करने का एक ‘सम्मिलित प्रयास है। लोकपाल अधिनियम के अनुसार लोकसभा में विपक्ष का नेता ही चयन समिति का सदस्य होता है और खड़गे विपक्ष के नेता नहीं है। वह समिति का हिस्सा नहीं हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि विशेष तौर पर भेजा गया आमंत्रण सबसे जरूरी भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी समूह की चयन प्रक्रिया से विपक्ष की आवाज को बाहर करने का एक सम्मिलित प्रयास है।
उन्होंने कहा कि हिस्सा लेने के अधिकार के बिना विशेष आमंत्रित व्यक्ति के तौर पर मेरी उपस्थिति, मेरे विचार दर्ज करना और मतदान करना प्रकट रूप से ढकोसला होगा जिसका लक्ष्य यह दिखाना है कि चयन प्रक्रिया में विपक्ष ने हिस्सा लिया था।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में लिखा कि इन परिस्थितियों में लोकपाल अधिनियिम 2013 की पवित्रता को बनाए रखने के लिए मुझे विशेष आमंत्रित व्यक्ति के निमंत्रण को जरूर अस्वीकार करना चाहिए क्योंकि मौजूदा प्रक्रिया ने एक प्रवित्र कार्यपद्धति को राजनीतिक उपस्थिति मात्र तक सीमित कर दिया है।
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