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झारखंड के DGP पर केंद्र-राज्य में तकरार, केंद्र ने किया रिटायर तो राज्य सरकार ने पद पर रखा बरकरार

झारखंड में डीजीपी नियुक्ति पर केंद्र-राज्य में बढ़ी तकरार

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में विवाद बढ़ गया है। केंद्र ने उन्हें रिटायर घोषित किया, जबकि राज्य ने नई नियुक्ति नियमावली के तहत पद पर बरकरार रखा है। केंद्र ने इसे अवैध करार देते हुए नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। यह विवाद देश में डीजीपी पद को लेकर पहली बार हुआ है।

झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार छिड़ गई है। केंद्र सरकार ने इस पद पर कार्यरत 1990 बैच के आईपीएस अनुराग गुप्ता को रिटायर घोषित कर दिया है, जबकि झारखंड सरकार ने राज्य में पिछले साल लाई गई डीजीपी नियुक्ति नियमावली का हवाला देते हुए उन्हें इस पद पर बरकरार रखा है। देश के किसी भी राज्य में डीजीपी जैसे पद को लेकर ऐसी अजीबोगरीब स्थिति संभवतः पहली बार पैदा हुई है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को नौ दिनों में दूसरी बार पत्र लिखकर आईपीएस अनुराग गुप्ता की रिटायरमेंट की सूचना दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अखिल भारतीय सेवा की नियमावली के अनुसार 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर वह 30 अप्रैल, 2025 को स्वतः सेवानिवृत्त हो गए हैं। इस तिथि के बाद उन्हें इस पद पर बनाए रखना अवैध, अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16(1) के विपरीत और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी संजीव कुमार के हस्ताक्षर से 22 अप्रैल को झारखंड के मुख्य सचिव को भेजे गए पहले पत्र में आईपीएस अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल की तिथि से रिटायर करने का निर्देश दिया गया था।

इसके जवाब में झारखंड सरकार ने 30 अप्रैल को केंद्र को मेल भेजकर बताया कि राज्य में ‘पुलिस महानिदेशक का चयन और नियुक्ति नियमावली-2025’ गठित और अधिसूचित की गई है। इसी नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता को 2 फरवरी, 2025 को दो वर्षों के लिए पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है। झारखंड सरकार ने अपने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के उस निर्णय का हवाला दिया, जिसमें डीजीपी के पद पर न्यूनतम दो वर्षों के लिए नियुक्ति होनी है। इसके बाद केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को दूसरी बार पत्र भेजा है। इसमें अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर बनाए रखने के झारखंड सरकार के निर्णय और दलीलों को खारिज कर दिया है। केंद्र ने कहा है कि अपनी जिस नियमावली का हवाला देकर झारखंड सरकार ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में नियुक्त किया है और उन्हें 30 अप्रैल के बाद भी इस पद पर बनाए रखा है, वह अवैध है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने 8 जनवरी को ‘पुलिस महानिदेशक का चयन और नियुक्ति नियमावली-2025’ को मंजूरी दी थी। इसके तहत डीजीपी की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई और उसकी अनुशंसा पर अनुराग गुप्ता को 2 फरवरी, 2025 की तारीख से स्थायी डीजीपी के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना में कहा गया था कि गुप्ता का कार्यकाल नई नियमावली के अनुसार होगा। इस नियमावली में डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष निर्धारित किया गया है।

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