पाँच सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का फ़ैसला किया है। इसके अनुरूप, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का आकलन करने के लिए पाँच सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की है, ताकि राज्य के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और विशेषाधिकार सुनिश्चित किए जा सकें, मंगलवार को गुजरात सीएमओ की ओर से एक बयान में कहा गया। समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश श्रीमती रंजना देसाई करेंगी। अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सी.एल. मीना, अधिवक्ता आर.सी. कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीताबेन श्रॉफ शामिल हैं। सीएम ने गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी की मौजूदगी में इस फ़ैसले की घोषणा की।
समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का आकलन
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है और इसी के अनुसार गुजरात ने समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का आकलन करने और राज्य के लिए कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाई है। समिति से 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की उम्मीद है और राज्य सरकार इसके निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई करेगी। अनुच्छेद 370 के उन्मूलन, एक राष्ट्र एक चुनाव, नारी शक्ति वंदना अधिनियम और ट्रिपल तलाक कानून जैसी प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार ‘जे काहेवु ते करवु’ (प्रतिबद्धताओं को पूरा करना) के सिद्धांत का पालन करती है।
प्रधानमंत्री के संकल्पों का समर्थन
भूपेंद्र पटेल ने फिर से पुष्टि की कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप गुजरात समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य ने हमेशा प्रधानमंत्री के संकल्पों का समर्थन किया है और उन्हें पूरा होते देखने के लिए दृढ़ संकल्प है। सीएम ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का आकलन करने और कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाई है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शब्दों को दोहराते हुए इस बात पर जोर दिया कि समान नागरिक संहिता आदिवासी समुदाय की नीतियों, नियमों, रीति-रिवाजों और कानूनों की रक्षा करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि उनके अधिकार और रीति-रिवाज अप्रभावित रहें। हर्ष संघवी ने आगे आश्वासन दिया कि सीएम पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।