रांची में सीएम सोरेन ने किया सिरमटोली फ्लाईओवर का उद्घाटन - Punjab Kesari
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रांची में सीएम सोरेन ने किया सिरमटोली फ्लाईओवर का उद्घाटन

रांची में एक साल में दूसरा फ्लाईओवर जनता को समर्पित…

रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2.34 किमी लंबे सिरमटोली फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। 355.76 करोड़ की लागत से बने इस फ्लाईओवर का नाम आदिवासी नेता कार्तिक उरांव के नाम पर रखा गया है। यह फ्लाईओवर ट्रैफिक को 40% तक कम करेगा और इसे एक साल से कम समय में पूरा किया गया।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची में मेकॉन चौक डोरंडा से सिरमटोली के बीच नवनिर्मित फोर लेन फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड का लोकार्पण किया। 2.34 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर का निर्माण झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग की देखरेख में 355.76 करोड़ की लागत से कराया गया है। एक साल से कम समय में रांची में यह दूसरा फ्लाईओवर है, जिसे जनता को समर्पित किया गया है। इस फ्लाईओवर के रैंप से जुड़े विवाद को लेकर बुधवार को कई आदिवासी संगठनों ने झारखंड बंद का ऐलान किया था और उसके ठीक अगले दिन अचानक इसका लोकार्पण कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सबको चौंका दिया।

सीएम ने इस फ्लाईओवर का नामकरण पूर्व केंद्रीय मंत्री और अपने दौर के कद्दावर आदिवासी नेता रहे कार्तिक उरांव के नाम पर करने का ऐलान किया। इस मौके पर डोरंडा स्थित वन भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार उन राजनीतिक दलों की तरह नहीं है, जो केवल राजनीति और सस्ती लोकप्रियता के लिए बड़े-बड़े वादे करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गांव से लेकर शहर तक के विकास के समान रूप से लगातार धरातल पर काम कर रही है। इसी दौरान पर्यावरण दिवस समारोह का भी आयोजन किया गया, जिसे संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने पर्यावरण के संरक्षण में हर व्यक्ति से सहभागी बनने की अपील की।

फ्लाईओवर के लोकार्पण के कार्यक्रम में उपस्थित पथ निर्माण सचिव ने बताया कि रेलवे लाइन के ऊपर करीब 132 मीटर केबल स्टे ब्रिज इस फ्लाईओवर का मुख्य आकर्षण है। झारखंड में यह पहला फ्लाईओवर है, जहां केबल स्टे ब्रिज का निर्माण कराया गया है। देश में मुंबई सी-लिंक के बाद यह पहली परियोजना है, जहां मोनो पाइलिंग तकनीक और प्री कास्ट स्लैब का इस्तेमाल किया गया है। इसके निर्माण के क्रम में कुल 51 निजी और सरकारी भवनों को हटाया गया या शिफ्ट किया गया। इसके लिए मंदिर और कब्रिस्तान की भी जमीन ली गई।

बताया गया है कि हेवी ट्रैफिक के दौरान जो दूरी लोग करीब 20 से 30 मिनट में तय करते थे, वह अब मात्र तीन से चार मिनट में पूरी हो सकेगी। इस कॉरिडोर से रांची के मेन रोड, डोरंडा, सुजाता चौक, स्टेशन रोड, क्लब रोड और कडरू इलाके में ट्रैफिक के बोझ में करीब 40 फीसदी तक कमी आने का अनुमान है। इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 अगस्त, 2022 को किया था और तीन साल से कम समय में इसका कार्य पूरा कर लिया गया। कार्यक्रम में राज्य के श्रम एवं नियोजन मंत्री संजय यादव, कृषि एवं पशुपालन विभाग की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अलका तिवारी सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

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