CM शिवराज सिंह चौहान ने कंप्यूटर बाबा समेत पांच संतों को दिया मंत्रीपद का दर्जा HC में याचिका दाखिल - Punjab Kesari
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CM शिवराज सिंह चौहान ने कंप्यूटर बाबा समेत पांच संतों को दिया मंत्रीपद का दर्जा HC में याचिका दाखिल

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मध्यप्रदेश में पिछले दिनों ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने की घोषणा करने वाले कंप्यूटर बाबा और पंडित योगेंद्र महंत सहित पांच सांधुओं को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। इसी मामले में शिवराज सिंह चौहान के फैसले के खिलाफ अब हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दाखिल कर दी गई है। वहीं कांग्रेस ने भी इस फैसले पर सवाल उठाते कहा है कि बाबाओं को मंत्री का दर्जा देना शिवराज सरकार की कमजोरी को दिखाता है। कंप्यूटर बाबा और पंडित योगेंद्र महंत सहित अन्य तीन सांधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इस फैसले के बाद से सरकार और मुख्यमंत्री के फैसले पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

रामबहादुर शर्मा नाम के एक व्यक्ति की ओर से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने राज्य मंत्री की संवैधानिकता को लेकर याचिका लगाई है। सरकार को इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। इतना ही नहीं फैसले के कारण बाबाओं के रुख में भी अचानक बदलाव आया है। कल तक जिन पांचों संतों ने शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछले साल नर्मदा किनारे लगाए गए पौधों और अन्य विकास कार्यों की ‘पोल’ खोलने के लिए ‘नर्मदा घोटाला रथयात्रा’ शुरू करने का ऐलान किया था अब मंत्री पद की हैसियत मिलने के बाद इन्होंने अपनी पूर्व की घोषणा से कदम पीछे खींच लिए हैं।

अब ये सभी बाबा जनजागरण करने की बात कर रहे हैं। बीते 28 मार्च को इंदौर के गोम्मटगिरि स्थित कालिका आश्रम में संतों की एक बैठक में एक अप्रैल से 15 मई तक ‘नर्मदा घोटाला रथयात्रा’ निकालने का निर्णय लिया गया था। यह भी तय हुआ था कि इस यात्रा के दौरान उन छह करोड़ 67 लाख पौधों की गिनती का काम होगा जो मुख्यमंत्री चौहान की नर्मदा सेवा यात्रा कार्यक्रम के तहत गत वर्ष दो जुलाई को लगाए गए थे।

इन बाबाओं ने इस सरकारी मेगा शो को महाघोटाला करार दिया था। और एक बैठक के बाद सरकार ने ले लिया फैसला यह भी चर्चा है कि संत समाज द्वारा ‘नर्मदा घोटाला रथयात्रा’ के ऐलान के बाद सरकार के स्तर पर हलचल हुई और उसके प्रबंधकों ने 31 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज के साथ कंप्यूटर बाबा सहित तमाम संतों की बैठक करा दी। इसके बाद ही सरकार ने विभिन्न चिह्नित क्षेत्रों, खासकर नर्मदा किनारे के इलाकों में पौधरोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता सहित अन्य विषयों पर जनजागरण के लिए एक कमेटी गठित कर दी और इन बाबाओं को उसका सदस्य बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दे डाला।

वही इस घोषणा के बाद शिवराज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम चाहते हैं समाज का हर वर्ग विकास और लोगों के लिए कल्याण के लिए काम करें। यही वजह है कि हमने समाज के प्रत्येक वर्ग को एक साथ लाने का प्रयास किया है। उधर, राज्यमंत्री का दर्जा मिलते ही कंप्यूटर बाबा के सुर बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री बनाना कोई राजनीति नहीं। यात्रा से समस्या का हल नहीं निकलता।

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